यूपी विधानसभा चुनाव 2022: स्टेट बार काउंसिल ने राजनीतिक दलों से यूपी के अधिवक्ताओं की सात सूत्रीय मांग पर विचार करने का आग्रह किया
बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में लड़ने वाले राजनीतिक दलों से वकीलों से संबंधित सात सूत्रीय मांगों पर विचार करने का आग्रह किया।
इस संबंध में काउंसिल द्वारा एक प्रेस नोट जारी किया गया।
प्रेस नोट पर काउंसिल के अध्यक्ष शिरीश कुमार मेहरोत्रा द्वारा हस्ताक्षरित निम्नलिखित सात मांगों का उल्लेख किया:
1. दुर्घटना या गंभीर बीमारी की स्थिति में अधिवक्ताओं को 10 लाख रुपये की कैशलेस चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए। साथ ही COVID-19 से पीड़ित अधिवक्ता के परिजनों को 10 लाख की एकमुश्त आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
2. नए अधिवक्ताओं को अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण की तिथि से प्रति माह 10,000/- प्रोत्साहन भत्ता दिया जाए।
3. 40 वर्षों तक अधिवक्ता के रूप में न्यायिक प्रणाली की सेवा करने वाले लोगों को न्यूनतम 25 हजार मासिक निर्वाह भत्ता दिया जाए।
4. न्यायिक अधिकारियों की तरह अनुभवी अधिवक्ताओं को विभिन्न न्यायाधिकरणों, आयोगों और मध्यस्थता मामलों में नियोजित/समायोजित किया जाना चाहिए।
5. अधिवक्ताओं को आवास विकास एवं विकास प्राधिकरण के माध्यम से नो प्रॉफिट नो लॉस के आधार पर प्लॉट/आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
6. अधिवक्ताओं को ब्याज मुक्त ऋण, आवास, कार्यालय, लैपटॉप और वाहन प्रदान किया जाना चाहिए।
7. अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम को भी लागू किया जाए और न्यायालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए।
प्रेस नोट में आगे कहा गया कि समाज के लोगों को न्याय दिलाने के लिए राज्य में लगभग चार लाख अधिवक्ता काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें COVID-19 आपदा के दौरान आवश्यक सहायता नहीं मिल पाई।
ऐसे में प्रेस नोट में कहा गया कि सरकार की जिम्मेदारी बढ़ गई है कि अधिवक्ताओं को वित्तीय सहायता के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएं।