न्यायिक प्रक्रिया में तकनीकी सुधार: सुप्रीम कोर्ट का नया युग

Update: 2024-01-10 12:23 GMT

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के प्रयासों के साथ न्यायिक प्रक्रिया में आधुनिकीकरण की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। ई-फाइलिंग सिस्टम से लेकर ऑनलाइन प्रतिष्ठान पोर्टल और न्यायिक प्रक्रिया में तकनीकी सुधारों ने सुप्रीम कोर्ट के काम को सुगम और आधुनिक बनाया है।

इन प्रगतिशील सुधारों के साथ, सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट को कैसे काम करना चाहिए की दिशा में कुछ दूर तक पहुंचाने का काम किया।

इसके समर्थन में आइए एक नजर डालें उन प्रगतिशील कदमों पर:-

सीजेआई के इस प्रयास में वह सुस्वागतम पोर्टल (SuSwagatam portal) की शुरुआत कर रहे हैं, जिससे सुप्रीम कोर्ट में पहुंचना सरल हो जाता है। इसके माध्यम से पेपरलेस पास मिलते हैं, जिससे सुप्रीम कोर्ट की "morning queues" की लंबी कतिपयें समाप्त हो जाती हैं। यह नई पहल न केवल यात्रा को सरल बना रही है, बल्कि यह भी लोगों को लंबी पंक्तियों से मुक्ति प्रदान कर रही है, जो सुप्रीम कोर्ट की दरबार में पहुंचने की कठिनाई से परेशान थे।

आर्टिकल 370 के सुनवाई में सीजेआई ने सीधे कानूनी दलों से कहा था कि वे अपने लिखित तर्क और संबंधित दस्तावेज़ों को सुनवाई शुरू होने से पहले दो हफ्ते पहले ऑनलाइन सबमिट करें। यह न केवल समय की बचत करता है, बल्कि यह भी सुनवाई की तैयारी में सुधार करता है और न्यायिक प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाता है।

उन्होंने एक नए चरण का E-Courts परियोजना का भी परिचय किया, जिसका बजट 7000 करोड़ रुपये से अधिक है, ताकि न्यायपालिका को तकनीकी समर्थन मिले, विशेषकर निचले जिला न्यायालयों (lower judiciary) को। यह परियोजना न्यायिक प्रक्रिया को नए ऊर्जावान और सुगम तरीकों से संचालित करने का एक प्रयास है, जिससे सुधारित न्यायिक पहुंच और प्रक्रिया में अद्यतिती होगी।

सीजेआई ने कई मुद्दों पर निर्देश जारी किए हैं, जिसमें से एक में यह कहा गया है कि कोई भी उच्च न्यायालय किसी वकील को वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा या हाइब्रिड सुनवाई से वंचित नहीं करना चाहिए। एक और आदेश ने सभी हाईकोर्ट को सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सभी वकीलों और मुकदमेबाजों के लिए पर्याप्त इंटरनेट सुविधाएं, विशेषकर मुफ्त वाईफ़ाई, होनी चाहिए। इससे सुनवाई में शामिल होने वाले लोगों को सुन्दरता से तकनीकी समर्थन मिलेगा और न्यायिक प्रक्रिया में सुधार होगा।

सीजेआई ने कागज के उपयोग को कम करने का उद्देश्य रखकर वकीलों के लिए ई-फाइलिंग सिस्टम की शुरुआत की, जिसमें online appearance portal भी शामिल है। इस साल मई से नए ई-फाइलिंग मॉड्यूल का उपयोग करके 9,913 नए मामले दाखिल किए गए। प्रतिमाह, प्राय: 5,500 लेटर पेटीशन्स और 10,000 ईमेल PIL इंग्लिश सेक्शन में प्राप्त होते हैं, जो अब डिजिटल रूप से प्रस्तुत किए जा रहे हैं।

अधिक पारदर्शिता लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपने सभी केस डेटा को राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (National Judicial Data Grid) पर ऑनलाइन उपलब्ध कर दिया। यह एक बड़े पैम्फलेट की भाषा में न्यायिक प्रक्रिया में हो रहे सुधारों को सुलझाने में मदद करेगा। साथ ही पेपरलेस सिस्टम का समर्थन करके वकीलों को भी आसानी से नए डिजिटल युग में ले जाएगा।

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