सुप्रीम कोर्ट अब्दुल्ला आज़म खान की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार

Update: 2023-03-30 11:17 GMT

सुप्रीम कोर्ट आज़म खान के बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आज़म खान की याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है। अब्दुल्ला को 15 साल पुराने एक मामले में 2 साल की कैद की सजा सुनाई गई है, जिसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया है।

खान की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट को संक्षेप में सुनने के बाद, अदालत ने उन्हें याचिका की एक प्रति उत्तर प्रदेश राज्य के स्थायी वकील को देने के लिए कहा।

कोर्ट ने कहा कि "मामले को 5 को उठाया जाएगा।"

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश याचिका में खान ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। हालांकि, 17.03.2023 को जब मामला हाईकोर्ट के समक्ष आया, तो इसे 3 सप्ताह बाद सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया गया। साथ ही स्टे भी नहीं दिया।

चूंकि अयोग्यता की अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी थी, इसलिए खान ने आशंका व्‍यक्त कि उनकी सीट पर चुनाव कराने के लिए कभी भी अधिसूचना जारी की जा सकती है।

खान की ओर से जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ को बताया गया कि बुधवार (29 मार्च, 2023) को चुनाव आयोग ने अधिसूचित किया है कि चुनाव प्रक्रिया 13 अप्रैल, 2023 से शुरू होगी।

खान की ओर से दलील दी गई कि सुप्रीम कोर्ट के एक हालिया फैसले में अब्दुल्ला खान की उम्र पर राय दी गई है। उक्त निर्णय के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक की अयोग्यता को बरकरार रखने के अपने 7 नवंबर के फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया। उन पर आरोप था कि उन्होंने चुनाव की तारीख पर न्यूनतम आयु प्राप्त नहीं ‌की थी।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा बताई गई उम्र के अनुसार, अपराध होने की तारीख, जो 15 साल पहले हुआ था, खान किशोर (15 साल की उम्र) थे। वरिष्ठ वकील ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अवगत कराया गया था। उसी के आधार पर नाबालिग होने का दावा किया गया था। हालांकि, ट्रायल कोर्ट ने खान द्वारा इस संबंध में पर्याप्त दस्तावेज पेश नहीं किए जाने की याचिका को खारिज कर दिया।

यह तर्क दिया गया कि खान को 2008 के एक अपराध में दोषी ठहराया गया था जहां उनके पिता आज़म खान धरने पर बैठे थे। वह केवल एक किशोर थे, जो अपने पिता के साथ मौजूद थे। पुलिस ने अब्दुल्ला खान के खिलाफ मामला दर्ज किया। आखिरकार, ट्रायल कोर्ट ने उन्हें उस मामले में अधिकतम 2 साल की सजा सुनाई।

सीनियर एडवोकेट ने प्रस्तुत किया कि अगले ही दिन खान को विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया और उनकी सीट खाली घोषित कर दी गई।

उन्होंने जोड़ा -

“मेरी आशंका सच हो गई है क्योंकि आज चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि वे 13.04.2023 से उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू करेंगे।”

ज‌स्टिस नागरत्ना ने कहा कि खान को किशोर न्याय अधिनियम के अनुसार प्रस्तुत किए जाने वाले आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने चाहिए थे।

यह देखते हुए कि मामला हाईकोर्ट के समक्ष लंबित था, पीठ ने खान से कहा कि वह जल्द सुनवाई के आवेदन के साथ संपर्क करे। उन्होंने सुझाव दिया कि चुनाव आयोग द्वारा उपचुनाव को अधिसूचित करने के बाद की घटना को देखते हुए, उक्त आवेदन को स्थानांतरित करने के लिए एक आधार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

खान के वकील ने जवाब दिया कि 17.03.2023 को जब मामला हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए आया, तो अयोग्यता का मुद्दा उठाया गया था, फिर भी अदालत ने मामले को 3 सप्ताह तक के लिए स्थगित करने का फैसला किया। उन्होंने खंडपीठ से मामले की सुनवाई करने और खान की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध किया, जो अपराध किए जाने के समय किशोर थे।

केस टाइटलः मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान बनाम स्टेट ऑफ यूपी एसएलपी (सीएलआर) नंबर 4098/2023]

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