सुप्रीम कोर्ट ने टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले को धन की कथित हेराफेरी के मामले में जमानत दी
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले को धन की हेराफेरी के मामले में जमानत दे दी।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने यह देखते हुए जमानत दे दी कि वह लगभग 108 दिनों से हिरासत में हैं। गोखले ने गुजरात हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें क्राउडफंडिंग के माध्यम से एकत्रित धन की कथित हेराफेरी से संबंधित मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म 'हमारा लोकतंत्र' के माध्यम से 1,700 से अधिक लोगों से 72 लाख रुपये से अधिक एकत्र किए और उस पैसे का निजी इस्तेमाल किया और इस तरह धन का दुरुपयोग किया।
जस्टिस समीर जे. दवे की हाईकोर्ट की खंडपीठ ने गोखले की जमानत से इनकार करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया मामला यह है कि कल्याण के नाम पर एकत्र की गई राशि का उपयोग अभियुक्तों द्वारा अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया।
गोखले को पहली बार गुजरात पुलिस ने एक पुल ढहने की त्रासदी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोरबी यात्रा पर हुए खर्च के बारे में कथित रूप से फर्जी खबर फैलाने के मामले में गिरफ्तार किया था। 30 दिसंबर, 2022 को उन्हें धन की हेराफेरी के मामले में गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
इस साल जनवरी में उन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने धन की हेराफेरी के आरोप में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार भी किया था।