सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जज के खिलाफ शुरू की इन-हाउस प्रक्रिया, जज के घर भारी मात्रा में कैश बरामद होने का है मामला

Update: 2025-03-21 10:10 GMT
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जज के खिलाफ शुरू की इन-हाउस प्रक्रिया, जज के घर भारी मात्रा में कैश बरामद होने का है मामला

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिल्ली हाईकोर्ट जज जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास में भारी मात्रा में बेहिसाब नकदी मिलने की रिपोर्ट के बाद उनके तबादले की सिफारिश की।

जस्टिस वर्मा को उनके पैतृक हाईकोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर करने की सिफारिश की गई।

इस घटनाक्रम से अवगत लोगों से यह समझा जाता है कि तबादला अंतिम कदम नहीं है। यह केवल प्रारंभिक कार्रवाई है, जिसमें अधिकारी कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं। जज के खिलाफ इन-हाउस प्रक्रिया शुरू की गई है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपनाई गई इन-हाउस जांच प्रक्रिया के अनुसार, जब किसी हाईकोर्ट जज के खिलाफ आरोप होते हैं तो चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई), प्रारंभिक जांच के बाद संबंधित जज से जवाब मांगने के बाद मामले की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की एक समिति बनाते हैं। इन-हाउस पैनल की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सकती है। समझा जाता है कि सीजेआई ने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।

संसद द्वारा पारित महाभियोग प्रस्ताव के माध्यम से ही हाईकोर्ट जज को पद से हटाया जा सकता है। भारत के इतिहास में किसी भी जज पर महाभियोग नहीं लगाया गया है। हालांकि कुछ जज पर कार्यवाही भी हुई, लेकिन उन्होंने कार्यवाही पूरी होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जब फायर ब्रिगेड की टीम जस्टिस वर्मा के आवास पर आग बुझाने पहुंची तो नकदी बरामद हुई। जस्टिस वर्मा उस समय अपने आवास पर नहीं थे। जब फायर कर्मियों को नकदी का ढेर मिला तो उन्होंने इसकी तस्वीरें और वीडियो बनाकर अपने सीनियर अधिकारियों को सूचित किया। आखिरकार, मामले की सूचना सरकार के उच्च अधिकारियों को दी गई, जिन्होंने सीजेआई को इसकी जानकारी दी।

इसके बाद सीजेआई संजीव खन्ना ने मामले पर चर्चा करने के लिए गुरुवार शाम को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की असाधारण बैठक बुलाई।

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