सुप्रीम कोर्ट ने वकील से फैक्ट फाइंडिंग मिशन पर एफआईआर के खिलाफ मणिपुर हाईकोर्ट जाने को कहा, गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण बढ़ाया

Update: 2023-07-17 13:33 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एडवोकेट दीक्षा द्विवेदी को दी गई अंतरिम सुरक्षा चार सप्ताह के लिए बढ़ा दी, जिनके खिलाफ मणिपुर हिंसा के संबंध में फैक्ट फाइंडिंग मिशन में भाग लेने के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी। अदालत ने द्विवेदी को इस मामले में मणिपुर हाईकोर्ट में जाने की छूट दी।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ एक वकील द्विवेदी द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसके खिलाफ मणिपुर पुलिस ने राजद्रोह, भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश आदि का आरोप लगाते हुए एक एफआईआर दर्ज की थी। उन्होंने मणिपुर हिंसा के संबंध में एक फैक्ट फाइंडिंग मिशन में भाग लिया और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन (एनएफआईडब्ल्यू) के हिस्से के रूप में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी और फिर इसे अगली सुनवाई तक बढ़ा दिया था।

आज की कार्यवाही में अदालत ने द्विवेदी को दी गई सुरक्षा बढ़ाने और उन्हें मणिपुर हाईकोर्ट के समक्ष पेश होने के लिए कहने की ओर अपना झुकाव व्यक्त किया। मामले में द्विवेदी की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने कहा कि वहां की स्थिति को देखते हुए मणिपुर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना मुश्किल हो सकता है।

इस पर मणिपुर राज्य की ओर से पेश हुए एसजी मेहता ने जवाब दिया-

" अगर वह जाकर मणिपुर में भाषण दे सकती हैं, अगर वह जाकर मणिपुर में हिंसा भड़का सकती हैं तो वह निश्चित रूप से हाईकोर्ट जा सकती हैं। "

वकीलों के बीच तीखी नोकझोंक के बाद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने आदेश देते हुए कहा कि अंतरिम सुरक्षा को चार सप्ताह के लिए बढ़ाया जाएगा और द्विवेदी को मणिपुर हाईकोर्ट के समक्ष ऑनलाइन पेश होने की स्वतंत्रता दी गई थी।

दवे ने आग्रह किया कि गंभीर ऑनलाइन धमकियों के कारण चार सप्ताह पर्याप्त नहीं थे, जिसका सामना न केवल द्विवेदी बल्कि उनके शिक्षाप्रद वकील को भी करना पड़ रहा था। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा-

"किसी भी शिकायत के मामले में आपको संपर्क करने की स्वतंत्रता है।"

केस टाइटल : दीक्षा द्विवेदी बनाम मणिपुर राज्य और अन्य WP(Crl.) नंबर 298/2023

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