अकाउंट्स और फाइनेंस का कुछ ज्ञान सेना के ग्रेजुएश सर्टिफिकेट को विशिष्ट योग्यता के समकक्ष नहीं बनाता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय सेना के पूर्व सैनिक द्वारा भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी में सेना द्वारा जारी किए गए ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट के आधार पर पूर्व सैनिकों के तहत जूनियर असिस्टेंट (फाइनेंस कोटा) के रूप में नियुक्ति की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।
पूर्व सैनिक राज कुमार का तर्क था कि चूंकि उसके पास "सेना में प्रशासन/लेखा/वित्त/बजट/रसद में काम करने का अनुभव" है, इसलिए उनके पास जूनियर असिस्टेंट (फाइनेंस) के पद के लिए आवश्यक योग्यता है। राइट्स द्वारा पद के लिए मांगी गई योग्यता बी.कॉम/बीबीए (फाइनेंस)/बीएमएस (फाइनेंस) है।
जस्टिस वी कामेश्वर राव और जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता की याचिका इस कारण अपील नहीं कर रही है कि भले ही उसे अकाउंट्स और फाइनेंस का कुछ कामकाजी ज्ञान हो, जो वास्तव में आवश्यक योग्यता और ज्ञान के अनुरूप नहीं होगा और जो तीन साल के अध्ययन के बाद प्राप्त होता है
खंडपीठ ने कहा,
"यदि याचिकाकर्ता की याचिका स्वीकार की जाती है तो उदाहरण के लिए इसका मतलब यह होगा कि यदि किसी दिए गए पद के लिए पात्रता बी.एससी (कैमिस्ट्री) है तो याचिकाकर्ता की तरह समान रूप से रखा गया उम्मीदवार बीएससी (कैमिस्ट्री) में डिक्री के साथ सेना द्वारा जारी ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट के समकक्षता की मांग करने में सक्षम होगा। यह ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट प्रदान करने का इरादा नहीं हो सकता।"
अदालत ने कहा कि सेना द्वारा जारी सर्टिफिकेट प्रमाणित करता है कि याचिकाकर्ता के पास बिना किसी विशेषज्ञता के ग्रेजुएशन की योग्यता है। इसमें कहा गया कि सर्टिफिकेट में कहा गया कि "सशस्त्र बलों में 15 साल तक सेवा करने वाला भूतपूर्व सैनिक के मैट्रिक की न्यूनतम योग्यता रखने वाले पदों पर नियुक्ति के लिए विचार किया जा सकता, जिसके लिए निर्धारित आवश्यक योग्यता ग्रेजुएशन है।"
कुमार 27 अप्रैल, 1996 को भारतीय सेना में शामिल हुए और 21 साल और 4 महीने की सेवा के बाद 31 अगस्त, 2017 को सेवानिवृत्त हुए। कुमार ने 28 सितंबर, 2019 को राइट्स लिमिटेड में पूर्व सैनिक कोटे के तहत जूनियर असिस्टेंट (फाइनेंस) के पद के लिए आवेदन किया। राइट्स ने 18 नवंबर, 2020 को कुमार को पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया कि इस पद के लिए उसकी उम्मीदवारी पर विचार करने के अनुरोध पर विचार नहीं किया जा सकता।
केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के समक्ष कुमार द्वारा पत्र को चुनौती दी गई।
ट्रिब्यूनल ने कहा,
"जब विज्ञापन में किसी विशेष पद की आवश्यक योग्यता का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया तो कुमार द्वारा आयोजित डीम्ड ग्रेजुएशन को इस तरह की योग्यता के समकक्ष नहीं माना जा सकता।"
इससे दुखी कुमार ने ट्रिब्यूनल द्वारा उसकी याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने ट्रिब्यूनल द्वारा पारित आदेश को बरकरार रखते हुए याचिका को आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया।
केस टाइटल: राज कुमार बनाम भारत संघ और अन्य।
साइटेशन: लाइवलॉ (दिल्ली) 1191/2022
ऑर्डर डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें