इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिद्दीक कप्पन के साथी आरोपी अतीकुर रहमान को पीएमएलए मामले में जमानत दी
इलाहाबाद कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्टिविटीज (PMLA) केस में अक्टूबर 2020 में पत्रकार सिद्दीकी कप्पन और दो अन्य के साथ गिरफ्तार अतीकुर रहमान को ज़मानत दे दी। अतीकुर रहमान और पत्रकार सिद्दीकी कप्पन अन्य लोगों के साथ हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या की शिकार पीड़िता के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए हाथरस जा रहे थे, जब उन्हें रास्ते में गिरफ्तार किया गया।
जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने रहमान की कैद के 940 से अधिक दिनों के बाद उसकी रिहाई का मार्ग प्रशस्त करते हुए गुरुवार को यह आदेश पारित किया। इससे पहले इसी साल मार्च में उसे हाथरस साजिश मामले में जमानत मिली थी।
जस्टिस अताउ रहमान मसूदी और जस्टिस रेणु अग्रवाल की पीठ ने मार्च 2023 में मामले में जमानत देते हुए कहा था कि चार्जशीट दाखिल होने के बाद दाखिल किए गए जवाबी हलफनामे में ऐसा कोई ठोस कारण नहीं बताया गया है जो यूएपीए आरोपी कार्यकर्ता की हिरासत जारी रखने को सही ठहरा सके।
अदालत ने 15 मार्च के अपने आदेश में यह भी कहा कि रहमान के खिलाफ मुकदमे में सुनवाई का उचित अवसर दिए बिना आरोप तय किए गए और इसलिए, उक्त आदेश को एचसी द्वारा रद्द कर दिया गया था। पहले कानून के अनुसार नए सिरे से कार्यवाही करने के लिए मामले को ट्रायल कोर्ट में वापस भेज दिया।
#JustIN | Activist Atikur Rehman, an accused in the Hathras Conspiracy Case, has been GRANTED BAIL in the Prevention of Money Laundering Activities (PMLA) case by the #AllahabadHighCourt today.
— Live Law (@LiveLawIndia) May 25, 2023
He is set to walk out of jail after over 950 days of incarceration. pic.twitter.com/SXJQFyPGiy
अदालत ने दो सह-अभियुक्तों (सिद्दीकी कप्पन और मोहम्मद आलम) को जमानत देने वाले एचसी और एससी के आदेशों को भी ध्यान में रखा, जिनका नाम एक ही एफआईआर में है।
उल्लेखनीय है कि रहमान को यूपी पुलिस ने अक्टूबर 2020 में कप्पन और 2 अन्य लोगों के साथ हाथरस जाते समय पकड़ा था और उन पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 17 और 18, राजद्रोह (आईपीसी की धारा 124 ए), धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना (धारा 153-ए आईपीसी), धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य (धारा 295-ए आईपीसी) और आईटी की धारा 65, 72 और 75 के तहत मामला दर्ज किया था।
कप्पन पर पीएमएलए केस के तहत भी मामला दर्ज किया गया था, लेकिन पिछले साल दिसंबर में हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी । कप्पन को फरवरी 2023 में ही जेल से रिहा कर दिया गया था।