सीनियर एडवोकेट यतिन ओझा ने जस्टिस आरएस छाया के खिलाफ की गई अपनी टिप्पणी के लिए उनसे माफी मांगी
जस्टिस आरएम छाया की गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में प्रस्तावित पदोन्नति पर सीनियर एडवोकेट यतिन ओझा ने जस्टिस छाया को लिखे पत्र में उन्हें बधाई देते हुए जून 2020 में उनके खिलाफ की गई अपनी 'टिप्पणी' के लिए माफी मांगी है।
उल्लेखनीय है कि अब तक सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस छाया को पदोन्नत करने की सिफारिश के संबंध में कोई 'आधिकारिक' कम्यूनिकेशन नहीं हुआ है। हालांकि इस संबंध में कई रिपोर्ट्स में दावे किए गए हैं।
सीनियर एडवोकेट यतिन ओझा ने भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे को संबोधित एक पत्र (जून 2020 में लिखे गए) में इस्तेमाल किए गए अपने 'शब्दों' के लिए 'हार्दिक खेद' व्यक्त किया है।
जून 2020 में लिखे उस पत्र में उन्होंने जस्टिस छाया के खिलाफ "एक भी मामले में कोई प्रभावी आदेश पारित नहीं होने" का आरोप लगाया था।
सीनियर एडवोकेट यतिन ओझा ने शनिवार को जस्टिस छाया को संबोधित अपने पत्र में आगे कहा है कि उनकी अंतरात्मा को लगता है कि उन्होंने गलती की है और उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने लिखा,
"अब जो कुछ हुआ उसके लिए मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूं और मुझे उम्मीद है कि बीती बातों को हम पीछे छोड़ सकते हैं।"
जस्टिस छाया को संबोधित ओझा के पत्र का पाठ नीचे देखा जा सकता है।
उन्होंने लिखा,
"सबसे पहले मैं आपको मुख्य न्यायाधीश, गुवाहाटी एचसी के रूप में आपकी पदोन्नति पर हार्दिक बधाई देता हूं। मैंल जून 2020 और उसके आसपास अपने शब्दों के लिए आपसे हार्दिक माफी व्यक्त करने के लिए भी लिखता हूं। मेरी अंतरात्मा को यकीन है कि मैंने गलती की है और मुझे माफी मांगनी चाहिए। मेरा इरादा समय से बहुत पहले अपना पछतावा व्यक्त करने का था, लेकिन आसपास की परिस्थितियाँ पर्याप्त अनुकूल या सहायक नहीं थीं।
ऐसा कहने के बाद मैं अब जो कुछ हुआ उसके लिए ईमानदारी से क्षमा मांगता हूं और मैं आशा है कि इसे हम पीछे छोड़ देंगे।
एक बार फिर मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं कि आप इस नई भूमिका को अच्छी तरह निभाएं और हम गर्व व्यक्त करते हैं कि आप गुजरात का सही मायनों में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।"