Income Tax Act की धारा 148ए(बी) के तहत जारी नोटिस विशेष रूप से निर्धारिती को नहीं दिया गया: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आयकर विभाग पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आयकर विभाग पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और आयकर अधिनियम (Income Tax Act) की धारा 148ए (डी) के तहत आदेश और आयकर अधिनियम की धारा 148 के तहत नोटिस रद्द किया।
जस्टिस जी.एस. संधावालिया और जस्टिस लपीता बनर्जी की खंडपीठ ने पाया कि Income Tax Act की धारा 148ए(बी) के तहत 19 मार्च, 2022 को दिए गए नोटिस की विशेष रूप से तामील नहीं की गई और Income Tax Act की धारा 148ए(डी) के तहत आदेश दिया गया। इसके बाद बिना अवसर दिए 4 अप्रैल 2022 को अधिनियम पारित किया जाना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन होगा।
याचिकाकर्ता/निर्धारिती ने पुनर्मूल्यांकन नोटिस और आदेश को चुनौती दी। विभाग के पास उपलब्ध जानकारी के आधार पर यह देखा गया कि प्रासंगिक मूल्यांकन वर्ष 2015-16 के दौरान 1,21,00,000 रुपये के प्रतिफल के लिए अचल संपत्ति की बिक्री का लेनदेन हुआ। याचिकाकर्ता को यह बताना था कि यह कर योग्य आय है या नहीं, और संपत्ति की बिक्री से उत्पन्न पूंजीगत लाभ की गणना प्रस्तुत करने के अलावा सहायक दस्तावेजों के साथ इसका कारण भी बताना था।
नोटिस दिनांक 19 मार्च, 2022 विशेष रूप से तामील नहीं किया गया और आदेश 4 अप्रैल, 2022 पारित किया गया।
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता-निर्धारिती ने यह दिखाने के लिए पर्याप्त सामग्री दी कि जाहिर तौर पर नोटिस और उसके बाद 4 अप्रैल, 2022 का आदेश याचिकाकर्ता को दिया गया। कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल करने का अवसर दिया जाना आवश्यक है। तदनुसार, 4 अप्रैल, 2022 के बाद के आदेश इस संक्षिप्त आधार पर कायम रहने के लिए उत्तरदायी नहीं हैं, क्योंकि डाकघर से रिपोर्ट के माध्यम से पर्याप्त सामग्री है। इस प्रकार दस्तावेजों के प्रेषण को भी रिकॉर्ड में रखा गया।
अदालत ने याचिकाकर्ता निर्धारिती को 10,000 रुपये जुर्माना के भुगतान के साथ याचिका स्वीकार कर ली।
याचिकाकर्ता के वकील: निखिल गोयल और प्रतिवादी के वकील: सौरभ कपूर
केस टाइटल: नीलम मंत्री बनाम आईटीओ
केस नंबर: CWP-12994-2022
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