सावरकर मानहानि मामला: पुणे कोर्ट ने राहुल गांधी को अदालत में पेश होने के लिए दी गई समयसीमा बढ़ाई

Update: 2024-12-02 12:50 GMT

राहुल गांधी के खिलाफ दिवंगत दक्षिणपंथी नेता सावरकर को कथित रूप से बदनाम करने के लिए दायर मानहानि की शिकायत के संबंध में पुणे स्पेशल कोर्ट ने गांधी को अदालत में पेश होने के लिए समयसीमा बढ़ा दी। कोर्ट ने 10 जनवरी, 2025 की नई तारीख तय की।

स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट जज अमोल शिंदे ने पहले गांधी को 2 दिसंबर को अदालत में उपस्थित रहने का आदेश दिया।

गांधी की ओर से पेश हुए एडवोकेट मिलिंद पवार ने अदालत को बताया कि गांधी वर्तमान में संसद सत्र में भाग ले रहे हैं। इसलिए अदालत में उपस्थित नहीं हो सकते। इस प्रकार अदालत ने गांधी को 10 जनवरी को पेश होने का निर्देश दिया।

अक्टूबर में स्पेशल कोर्ट ने गांधी को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए समन जारी किया, जिससे सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर द्वारा उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 (मानहानि) के तहत लगाए गए आरोप का जवाब दिया जा सके।

मानहानि की शिकायत में दावा किया गया कि गांधी ने पिछले कुछ सालों में कई मौकों पर सावरकर को बार-बार बदनाम किया। एक खास घटना 5 मार्च, 2023 को हुई, जब गांधी ने यूनाइटेड किंगडम में ओवरसीज कांग्रेस को संबोधित किया।

शिकायतकर्ता ने दावा किया कि गांधी ने सावरकर के खिलाफ जानबूझकर बेबुनियाद आरोप लगाए, जबकि वे जानते थे कि ये आरोप झूठे हैं, जिसका उद्देश्य सावरकर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और शिकायतकर्ता और उनके परिवार को मानसिक पीड़ा पहुंचाना था। शिकायत में कहा गया कि अपमानजनक भाषण इंग्लैंड में दिया गया, लेकिन इसका असर पुणे में महसूस किया गया, क्योंकि इसे पूरे भारत में प्रकाशित और प्रसारित किया गया।

सत्यकी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि आवेदन में आईपीसी की धारा 500 के तहत गांधी के लिए अधिकतम सजा और सीआरपीसी की धारा 357 (मुआवजा देने का आदेश) के अनुसार अधिकतम मुआवजा लगाने की मांग की गई।

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