वैक्सीनेशन नहीं कराने वाले सरकारी कर्मचारियों का वेतन नहीं रोका जाए, COVID-19 टेस्ट के लिए उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा: गुवाहाटी हाईकोर्ट

Update: 2021-07-31 04:30 GMT

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एक अंतरिम निर्देश पारित कर कहा कि वैक्सीनेशन (टीकाकरण) नहीं होने के कारण सरकारी कर्मचारियों का वेतन नहीं रोका जाना चाहिए। इसके साथ ही COVID-19 टेस्ट के उद्देश्य से उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति सोंगखुपचुंग सर्टो और न्यायमूर्ति एस हुकातो स्वू की खंडपीठ नागालैंड सिविल सचिवालय और निदेशालयों में कर्मचारियों के लिए वैक्सीनेशन की आवश्यकता और कार्यालय में उपस्थिति के संबंध में 17 जुलाई, 2021 को राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देश को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर विचार कर रही थी।

प्रथम दृष्टया यह राय बनाते हुए कि आक्षेपित आदेश COVID-19 जनहित याचिका से निपटने के दौरान न्यायालय द्वारा पारित पूर्व के आदेशों के अनुरूप नहीं है, न्यायालय ने इस प्रकार निर्देश देते हुए नोटिस जारी किया:

"वापसी योग्य तिथि तक सरकारी कर्मचारियों से COVID-19 टेस्ट के लिए शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए। इसके साथ ही वैक्सीनेशन नहीं होने के कारण उनका वेतन नहीं रोका जाना चाहिए।"

कोर्ट ने नागालैंड सरकार के गृह विभाग के मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव से जवाब देने के लिए कहा है।

अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अग्रिम प्रति एडवोकेट टका मासा को भी भेजी जाए, जो राज्य में COVID-19 की स्थिति से निपटने वाली याचिका में न्यायालय द्वारा नियुक्त एमिक्स क्यूरी हैं और स्वास्थ्य विभाग की ओर से पेश होने वाले वकील को भी।

अब इस मामले पर 18 अगस्त, 2021 को विचार किया जाएगा।

शीर्षक: डॉ. अनिरुद्ध बाबर बनाम नागालैंड और अन्य राज्य

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