'ऋचा चड्ढा ने मीडिया में पहले ही केस की जीत का दावा किया': पायल घोष के वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट में शिकायत की
अभिनेत्री ऋचा चड्डा द्वारा दायर 1.1 करोड़ रुपये के मानहानि के मुकदमा का सामना कर रही अभिनेत्री पायल घोष ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में अपने वकील के ज़रिए शिकायत की कि वादी चड्ढा पहले से ही मीडिया में दावा कर रही हैं कि उन्होंने केस जीत लिया है।
पिछली सुनवाई की तारीख पर, घोष के वकील ने अदालत को बताया था कि वह चड्डा के खिलाफ अपने बयान वापस लेने के लिए तैयार है और वह उनसे माफी मांगने और मामला सुलझाने के लिए तैयार है।
आज, घोष के वकील एडवोकेट नितिन सतपुते ने न्यायमूर्ति एके मेनन की एक पीठ को बताया कि माफी की पेशकश के बाद, ऋचा ने मीडिया में दावा करना शुरू कर दिया कि उन्होंने केस जीत लिया है, जिसके कारण सोशल मीडिया में उनको 'ट्रोलिंग' के द्वारा अपमानित किया गया।
सतपुते ने कोर्ट को बताया,
"हम मामले को निपटाने के लिए तैयार हैं। लेकिन वादी (ऋचा चड्ढा) पहले से ही मीडिया में कह रही हैं कि उन्होंने केस जीत लिया हैं। यह अच्छा नहीं है। उन्हें मीडिया में बयान नहीं देना चाहिए।"
सतपुते ने मांग की कि चड्ढा को इस तरह के मीडिया बयानों से परहेज करने के लिए कहा जाए और माफी मांगने के लिए कहा जाए, क्योंकि मामला केवल निपटान के अंतिम चरण में है।
यहां पर जस्टिस मेनन ने चड्ढा के वकील एडवोकेट सेविना बेदी से पूछा कि क्या उनके मुवक्किल ने इस तरह का कोई बयान दिया है।
इस पर बेदी ने कहा कि उनके मुवक्किल द्वारा किसी भी गलत काम से इनकार किया।
बेदी ने कहा,
"ऋचा ने कुछ भी गलत नहीं किया है। उनके माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं है। मीडिया ने खबर दी है कि अदालत में क्या हुआ।"
जस्टिस मेनन ने पूछा,
"यदि आप मामले को सुलझा रहे हैं, तो क्या सार्वजनिक बयानों से बचना बेहतर नहीं है?"
न्यायाधीश ने सलाह दी,
"यदि आप समझौता करना चाहते हैं, तो एक दूसरे से बात करें और दूसरों से नहीं।"
इसके बाद पीठ ने समझौता के लिए सहमति पत्र प्रस्तुत करने के लिए सतपुते के अनुरोध पर सुनवाई को बुधवार (14 अक्टूबर) तक स्थगित कर दिया।
पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि घोष द्वारा चड्ढा के खिलाफ दिए गए बयानों को लेकर मीडिया पोर्टलों के खिलाफ पिछली सुनवाई की तारीख (7 अक्टूबर) को पारित किया गया आदेश अगली सुनवाई तक जारी रहेगा।
चड्ढा ने बॉम्बे हाई कोर्ट के मूल पक्ष में यह कहते हुए मुकदमा दायर किया था कि उनका नाम घोष द्वारा निर्देशक अनुराग कश्यप के खिलाफ उनके द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों में घसीटा गया था।
फिल्मकार कमल आर. खान और चैनल एबीएन तेलुगु को भी इस मामले में प्रतिवादी बनाया गया है कि उन्होंने चड्ढा के बयानों को पुनः प्रकाशित किया था।