स्कूल फिर से खोलने का मुद्दा: केरल हाईकोर्ट ने होम्योपैथिक दवाओं के साथ छात्रों के वैक्सीनेशन की मांग वाली याचिका का निपटारा किया
केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में एक जनहित याचिका का निपटारा किया। उक्त याचिका में इच्छुक छात्रों को इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि स्कूल अगले महीने फिर से खुलेंगे COVID-19 के लिए होम्योपैथिक दवाओं के तत्काल प्रशासन की मांग की गई है।
मुख्य न्यायाधीश एस. मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी. शैली की खंडपीठ ने यह देखते हुए कि राज्य ने याचिका के पक्ष में पर्याप्त कदम उठाए हैं, इस मामले में राज्य द्वारा किए गए प्रस्तुतीकरण को दर्ज करते हुए याचिका का निपटारा किया।
यह आदेश अधिवक्ता और केंद्र सरकार के पूर्व वकील एमएस विनीत द्वारा दायर एक याचिका में सुनाया गया। इस याचिका में स्कूली बच्चों को तुरंत होम्योपैथिक रोगनिरोधी दवाएं देकर COVID -19 के खिलाफ वैकल्पिक चिकित्सा सुरक्षा प्रदान करने की मांग की गई थी।
याचिकाकर्ता ने नवंबर में स्कूलों को फिर से खोलने के संबंध में सरकार द्वारा हाल की घोषणा के संदर्भ में अदालत का रुख किया। हालांकि COVID-19 के खिलाफ 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया।
वरिष्ठ सरकारी वकील वी. मनु ने पिछली सुनवाई में प्रस्तुत किया था कि होम्योपैथिक विभाग की सिफारिश पर राज्य सरकार ने होम्योपैथिक रोगनिरोधी दवाएं प्रदान करने का निर्णय लिया।
तदनुसार, यह सूचित किया गया कि इस आशय का एक सरकारी आदेश दिनांक 11.10.2021 जारी किया गया। एक और अनुरोध के साथ कि यद्यपि सैद्धांतिक रूप से एक निर्णय लिया गया है और दवाओं पर काम किया जाना बाकी है।
पिछली सुनवाई के दौरान उन्होंने स्कूली बच्चों को COVID-19 के खिलाफ होम्योपैथिक रोगनिरोधी दवाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य द्वारा उठाए गए कदमों का सारांश देते हुए एक बयान दिया था।
बयान में निर्धारित विवरण में दवा वितरण केंद्रों की स्थापना, होम्योपैथिक इम्यून बूस्टर (एचआईबी) पोर्टल रजिस्ट्रेशन, दवा वितरण, एचआईबी पोर्टल रजिस्ट्रेशन अभियान और हेल्पलाइन नंबरों की स्थापना का संकेत दिया गया।
हालांकि, इस बात पर जोर दिया गया कि होम्योपैथिक रोगनिरोधी दवाओं का प्रशासन केवल बच्चों के माता-पिता/अभिभावकों की सहमति से ही किया जाएगा।
अधिवक्ता वी.टी. याचिकाकर्ता की ओर से पेश माधवानुन्नी ने राज्य द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि सरकार ने उनकी प्रार्थनाओं पर विचार किया और उनका जवाब दिया।
इस प्रकार, मामले में राज्य की प्रस्तुतियाँ दर्ज करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया गया।
केस शीर्षक: एड. एमएस. विनीत बनाम केरल राज्य और अन्य।
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