सोशल मीडिया से भाजपा नेता श्याम जाजू, उनके बेटे के खिलाफ अपमानजनक कंटेंट हटाएं: दिल्ली हाईकोर्ट ने आप नेताओं से कहा

Update: 2023-02-24 06:48 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के नेताओं सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक, संजय सिंह और दिलीप कुमार पांडेय को राजनेता और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू और उनके बेटे के खिलाफ कथित अपमानजनक कंटेंट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने का निर्देश दिया।

जस्टिस नवीन चावला ने पाया कि अंतरिम राहत देने के लिए जाजू और उनके बेटे के पक्ष में प्रथम दृष्टया मामला बनता है और आप नेताओं को दो दिनों के भीतर कंटेंट हटाने का निर्देश दिया।

अदालत 22 जनवरी को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आप नेताओं द्वारा दिए गए बयानों पर स्थायी और अनिवार्य निषेधाज्ञा की मांग करते हुए जाजू और उनके बेटे द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

नेताओं ने आरोप लगाया कि जाजू ने अपने बेटे संदेश जाजू के माध्यम से मजबूत सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के माध्यम से अवैध कमाई की। आरोप है कि कंपनी करोड़ों रुपये की अचल संपत्तियों की खरीद-बिक्री के बड़ी संख्या में लेन-देन में शामिल थी।

जाजू और उनके बेटे ने अदालत को बताया कि दिए गए बयान पूर्व दृष्टया झूठे और निराधार, मानहानिकारक, निंदात्मक और अपमानजनक हैं।

वाद वकील सम्पिका बिस्वाल के माध्यम से दायर किया गया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी पेश हुए।

सूट का कहना है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाइव प्रसारित किया गया था और यह जनता के लिए सुलभ बना हुआ है। इसमें कहा गया है कि कथित रूप से मानहानिकारक बयानों को भी प्रिंट मीडिया और डिजिटल मीडिया द्वारा फिर से प्रकाशित और अंजाम दिया गया है।

सूट में कहा गया है,

"अपमानजनक बयानों ने बड़े पैमाने पर जनता से पूर्वाग्रह और अवांछित प्रतिक्रिया की तीव्र भावना पैदा की है, जिन्हें प्रतिवादी संख्या 1-4 के उदाहरण पर गुमराह किया जा रहा है। प्रतिवादी संख्या 1-4 ने न केवल वादी के खिलाफ मानहानिकारक बयान दिए, बल्कि उस राजनीतिक दल के खिलाफ आक्षेप और निहितार्थ भी बनाए।“

वाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गए आरोपों से संबंधित ट्विटर, यूट्यूब और मेटा सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित कथित मानहानि कंटेंट को हटाने के लिए आप नेताओं को निर्देश देने के लिए अनिवार्य निषेधाज्ञा की मांग करता है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और समाचार पोर्टलों को प्रकाशित कंटेंट को हटाने निर्देश देने के लिए अनिवार्य निषेधाज्ञा का आदेश भी मांगा गया है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और समाचार वेबसाइट, ट्विटर, गूगल, मेटा, एबीपी नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड, प्रिंटलाइन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, द इंडियन एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड और अन्य मीडिया प्लेफार्म्स से अपमानजनक कंटेंट का हटाने की मांग की गई है।

जाजू और उनके बेटे के खिलाफ झूठे और मानहानिकारक बयान देने के लिए आप नेताओं को बिना शर्त माफी जारी करने या प्रकाशित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।

केस टाइटल: श्याम जाजू और अन्य बनाम सौरभ भारद्वाज और अन्य।


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