राजस्थान हाईकोर्ट ने एनसीएलटी जयपुर बेंच द्वारा फिजिकल सुनवाई से इनकार के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया
राजस्थान हाईकोर्ट ने शुक्रवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की जयपुर बेंच को नोटिस जारी किया। हाईकोर्ट ने यह नोटिस एनसीएलटी के एक आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के अनुरोध को फिजिकल सुनवाई की अनुमति देने से इनकार करने पर जारी किया।
न्यायमूर्ति अशोक कुमार गर्ग को याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने अवगत कराया कि मामले की फिजिकल सुनवाई के लिए याचिकाकर्ता के आवेदन को एनसीएलटी ने इस आधार पर खारिज कर दिया कि बुनियादी ढांचे के संबंध में फिजिकल सुनवाई के लिए एनसीएलटी की जयपुर पीठ में उपलब्ध सुविधाएं और कोई मानक संचालन प्रक्रिया निर्धारित नहीं है। ।
इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ राजस्थान हाईकोर्ट सहित विभिन्न हाईकोर्ट ने पहले से ही फिजिकल मोड या वर्चुअल सुनवाई द्वारा मामलों की सुनवाई की हाइब्रिड प्रणाली शुरू कर दी है।
यह भी तर्क दिया गया कि चूंकि ट्रिब्यूनल के समक्ष कार्यवाही अंतिम चरण में है और याचिकाकर्ता को विभिन्न दस्तावेजों का हवाला देकर अपने मामले का बचाव करने का पूरा अधिकार है, इसलिए फिजिकल सुनवाई के माध्यम से मौखिक प्रस्तुतियां अधिक प्रभावी होंगी। याचिकाकर्ता के वकील ने राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा जारी एक जुलाई, 2021 के एक परिपत्र का भी उल्लेख किया। इसमें पांच जुलाई, 2021 से अधीनस्थ न्यायालयों/विशेष न्यायालयों/न्यायाधिकरणों के कामकाज के लिए निर्देश दिए गए थे।
उठाई गई शिकायत का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने याचिका में एनसीएलटी को नोटिस जारी किया और निर्देश दिया कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी को भी एक अतिरिक्त प्रति दी जाए।
कोर्ट ने निर्देश दिया,
"रिट याचिका की नोटिस जारी करने के साथ-साथ स्टे आवेदन, 21 दिसंबर, 2021 को वापस करने योग्य। नोटिस 'दस्ती' दिए जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी के कार्यालय में रिट याचिका की एक प्रति दी जाए, जो प्रतिवादी नंबर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। साथ ही उसका नाम वाद सूची में दिखाया जाए।"
अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख तक एनसीएलटी के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी।
कोर्ट ने आदेश दिया,
"अगली तारीख तक नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, जयपुर बेंच को आईबीसी, 2016 की धारा 9 के तहत सीपी नंबर (आईबी) - 213/9/जेपीआर/2020 में आगे बढ़ने के लिए रोक दिया गया है।"
केस शीर्षक: डलास बायोटेक लिमिटेड बनाम फार्मासिनो फार्मास्यूटिकल्स
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