एंटी सीएए प्रदर्शन : हिंसा फैलाने के आरोप में दर्ज एफआईआर पर राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया

Update: 2020-02-17 09:00 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट ने नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर कथित हिंसा फैलाने के आरोप में दर्ज एफआईआर पर पुलिस कार्रवाई की संभावना से प्रदर्शनकारियों को अंतरिम राहत देते हुए उदयपुर पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रदर्शनकारियों पर कोई "कठोर कार्रवाई" न की जाए।

प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तारी से संरक्षण देने के साथ ही अदालत ने उन्हें जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है।

पुलिस का यह आरोप था कि 29 जनवरी को सीएए के खिलाफ शांतिपूर्ण मार्च हिंसक हो गया और इसीलिए अधिकार्रियों ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत भूपालपुरा पुलिस स्टेशन में दर्जनों नामज़द और अनाम व्यक्तियों के खिलाफ एफआईएआर दर्ज की।

सामाजिक कार्यकर्ता पीआर साल्वी तथा मुख्य आरोपी और 20 अन्य व्यक्ति जिनके नाम एफआईआर में नाम दिए गए हैं,  उनके द्वारा दायर याचिकाओं पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार गर्ग ने राज्य से चार सप्ताह में इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने को कहा। कोर्ट ने केस डायरी के साथ-साथ जांच अधिकारी से स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है।

अदालत ने आदेश में कहा,

"सरकारी वकील को निर्देशित किया जाता है कि वह जांच अधिकारी से स्टेटस रिपोर्ट के साथ केस डायरी मांगे।

इस बीच और सुनवाई की अगली तारीख तक, पुलिस स्टेशन भूपालपुरा, जिला, उदयपुर में दर्ज एफआईआर नंबर 25/2020 के संबंध में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी। हालांकि, याचिकाकर्ताओं को जांच में शामिल होना होगा।"

29 जनवरी को सीएए कानून का विरोध बहुजन क्रांति मोर्चा नामक संगठन द्वारा आयोजित किया गया था।


आदेश की प्रति डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करेंं




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