पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अदालत परिसर के पास जलभराव के मामले में अधिकारियों की विफलता पर स्वत: संज्ञान लिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में यह देखते हुए कि अदालत परिसर के पास जलभराव के कारण वकील अदालत में पेश नहीं हो पाए और मामलों के शीघ्र निस्तारण में बाधा पैदा हुई, संबंधित अधिकारियों की प्रथम दृष्टया लापरवाही पर स्वत: संज्ञान लिया।
जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने कहा, “प्रशासन ने अब तक कोई निवारक कदम नहीं उठाया है...इसलिए, जाहिर तौर पर प्रथम दृष्टया नगर निगम, चंडीगढ़/ या संबंधित प्रशासन की ओर से लापरवाही हुई है।''
पीठ ने यह निर्णय तब लिया गया जब हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों ने अदालत को अवगत कराया कि हाई कोर्ट पार्किंग क्षेत्र और वहां तक जाने वाली गलियां जाम हैं।
हाईकोर्ट ने उचित जल निकासी व्यवस्था सुनिश्चित करने में अधिकारियों की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा, “पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का भवन परिसर एक विरासत स्थल है, जो चंडीगढ़ यूटी सहित पंजाब और हरियाणा राज्यों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।”
कोर्ट ने मामले में "प्रथम दृष्टया लापरवाही" पाई और मामले को आगे की कार्रवाई के लिए प्रधान खंडपीठ को भेज दिया।
केस टाइटलः Court on its own motion v. UT Chandigarh