पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अपनी एक्सट्रा मैरिटल पार्टनर के साथ पत्नी का ‘अश्लील वीडियो’ शेयर करने के आरोपी व्यक्ति को अग्रिम जमानत दी

Update: 2023-05-18 10:15 GMT

Punjab & Haryana High Court

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि यह अभियोजन पक्ष का मामला नहीं है कि अश्लील वीडियो और तस्वीरें ‘‘आम जनता के बीच प्रसारित’’ की गई थी, एक व्यक्ति और उसकी एक्सट्रा मैरिटल पार्टनर को अग्रिम जमानत दे दी है। इस व्यक्ति पर आरोप है कि उसने अपनी एक्सट्रा मैरिटल पार्टनर (प्रेमिका) के साथ विचाराधीन सामग्री साझा की थी।

इस व्यक्ति ने कथित तौर पर अपनी पत्नी के अश्लील वीडियो और तस्वीरें तैयार कीं और उसने अपनी एक्सट्रा मैरिटल पार्टनर के साथ साझा किया, जिसने उन्हें पीड़िता को इंस्टाग्राम पर भेज दिया। अदालत पुलिस थाना डिवीजन नंबर 3, लुधियाना में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67, 67-ए के तहत आरोपी पति और उसकी साथी के खिलाफ दर्ज मामले में दायर अग्रिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

जस्टिस गुरबीर सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता अग्रिम जमानत के हकदार हैं क्योंकि वीडियो और तस्वीरें ‘‘एक्सट्रा मैरिटल पार्टनर द्वारा शिकायतकर्ता के फोन पर प्रसारित किए गए थे’’ और ‘‘यह अभियोजन पक्ष का मामला नहीं है कि उक्त तस्वीरें या वीडियो आम जनता के बीच प्रसारित की गई थी।’’

इससे पहले पत्नी ने अपने पति व ससुराल वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 498-ए के तहत थाना महिला प्रकोष्ठ,लुधियाना में मामला दर्ज कराया था। उसने आरोप लगाया था कि सह-आरोपी याचिकाकर्ता का उसके पति के साथ अवैध संबंध है और उसके पति ने अपनी इस एक्सट्रा मैरिटल पार्टनर को उसकी ‘‘अश्लील वीडियो और तस्वीरें’’ दीं और वह उसे ब्लैकमेल कर रही थी और धमकी दे रही थी।

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि जांच अधिकारी ने पहले एक निष्कर्ष दिया था कि वीडियो को शिकायतकर्ता ने खुद तैयार किया था। आरोपी महिला का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने यह भी कहा कि उसने वीडियो को ‘‘न तो प्रकाशित किया और न ही प्रसारित किया’’ और अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह शिकायतकर्ता के पति के मोबाइल फोन में थी।

वकील ने कहा,‘‘शिकायतकर्ता और उसके पति के बीच चल रहे वैवाहिक मुकदमेबाजी के कारण उसे अनावश्यक रूप से घसीटा गया है।’’

अदालत ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच अधिकारी ने एक राय बनाई है कि शिकायतकर्ता के पति ने अपनी एक्सट्रा मैरिटल पार्टनर के साथ मिलकर वीडियो और तस्वीरें तैयार की हैं। यह देखा गया कि हालांकि याचिकाकर्ताओं को सीआरपीसी की धारा 41 के तहत नोटिस जारी किए जाने की बात कही गई है, परंतु रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है कि उन्हें ठीक से तामील किया गया है।

अदालत ने याचिकाकर्ताओं को गिरफ्तारी पूर्व जमानत देते हुए उन्हें जांच में शामिल होने और अपने मोबाइल फोन जांच अधिकारी को सौंपने का निर्देश दिया है।

केस टाइटल-एक्स बनाम पंजाब राज्य

प्रतिनिधित्व- याचिकाकर्ता के लिए वरुण छिब्बा (सीआरएम-एम-10868-2023 में)

याचिकाकर्ता के लिए मनमीत सिंह बिंद्रा (सीआरएम-एम-20326-2023 में)

हिमानी अरोड़ा, एएजी, पंजाब (दोनों मामलों में)

शिकायतकर्ता के लिए हरीश शर्मा (दोनों मामलों में)

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