पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य को चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की विधवा को पेंशन लाभ का पूरा भुगतान होने तक गृह सचिव का वेतन रोकने का आदेश दिया
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चतुर्थ श्रेणी के एक कर्मचारी की विधवा की ओर से पेंशन लाभ के अधिकार के लिए दायर याचिका पर पंजाब के गृह सचिव की सैलरी तब तक रोकने का आदेश दिया है, जब तक पेंशन लाभ की पूरी राशि उस महिला को जारी नहीं कर दी जाती है।
कोर्ट ने इस तथ्य को ध्यान में रखते ऐसा कठोर आदेश पारित किया है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की विधवा पेंशन लाभ पर निर्भर है और मौजूदा मामले में उसे बार-बार अदालत में आने के लिए मजबूर किया गया।
हालांकि आदेश पर हस्ताक्षर करने से पहले जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की पीठ के को बताया गया कि याचिकाकर्ता का दावा संतुष्ट हो गया है और भुगतान उसके बैंक खाते में कर दिया गया है, जिसके बाद कोर्ट ने राज्य को गृह सचिव के वेतन का भुगतान करने का आदेश दिया।
मामले में याचिकाकर्ता आदेश की जानबूझकर अवज्ञा करने की शिकायत कर रही थी, जिसके अनुसार उसके दावे पर एक महीने के भीतर निर्णय लिया जाना चाहिए था।
पंजाब राज्य की ओर से पेश वकील ने स्वीकार किया कि वह पेंशन लाभ की हकदार है और यह भी दावा किया कि इसे स्वीकृत किया गया है, लेकिन याचिकाकर्ता की ओर से पेश विद्वान वकील ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि एक पैसा भी जारी नहीं किया गया है।
इसके बाद, अदालत को गृह सचिव, पंजाब के वेतन पर रोक लगाने का कठोर आदेश पारित करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
केस शीर्षक: सीमा रानी बनाम अनुराग वर्मा और अन्य