जो COVID 19 से संक्रमित नहीं हैं, ऐसे मरीज़ों के इलाज पर ध्यान देने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका

Update: 2020-04-16 03:47 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर अदालत से सरकार को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि अस्पतालों में ऐसे मरीज़ों के इलाज पर भी पर्याप्त ध्यान दिया जाए जो COVID 19 से संक्रमित नहीं हैं।

यह याचिका यश अग्रवाल और चित्राक्षी ने दायर की है जिसमें निजी और सरकारी क्षेत्रों के सभी अस्पतालों से सभी बीमारियों या चोट से ग्रस्त मरीज़ों का इलाज किए जाने की मांग की है।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि COVID 19 संक्रमण के कारण दूसरी बीमारियों से ग्रस्त लोगों का इलाज करने से अस्पताल मना करने लगे हैं।

यह भी कहा गया है कि अगर अस्पताल के प्रवेश द्वार पर किसी मरीज़ के शरीर का तापमान जांच से अधिक होने का पता चलता है, तो उसे अस्पताल के अंदर जाने ही नहीं दिया जाता है।

याचिकाकर्ताओं ने कहा है,

"कई अस्पतालों में ओपीडी को बंद कर दिया गया है ताकि वहां COVID 19 के मरीज़ों के लिए जगह बनाई जा सके या किसी अन्य मरीज़ों को संक्रमण से बचाया जा सके। कई अस्पताल तो इलाज के लिए मरीज़ों को यह प्रमाणपत्र दिखाने को कहते हैं कि उन्हें COVID 19 का संक्रमण नहीं है।"

COVID 19 के मरीज़ों को तरजीह देने के कारण ऐसे मामले हुए हैं जहां कैंसर मरीज़ की कीमोथेरेपी नहीं की जा रही है, गुर्दे के मरीज़ का डायलिसिस नहीं हो रहा है जबकि उसे सप्ताह में तीन दिन डायलिसिस कराने को कहा गया है, गंभीर रूप से हेपेटाइटीस से ग्रस्त मरीज़ों का इलाज करने से मना कर दिया गया है।

याचिका में कहा गया है कि ग़रीबों पर इसकी मार ज़्यादा पड़ रही है और इससे स्वास्थ्य का अधिकार काग़ज़ी बना रह जाता है।

याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि अगर गंभीर रूप से बीमार लोगों का इलाज अगर नहीं किया जाता है देश में बीमारी से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ती रहेगी। 




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