"एलपीजी वितरण कर्मियों को वैक्सीन में प्राथमिकता दी जाए", केरल हाईकोर्ट में याचिका

Update: 2021-05-25 08:15 GMT

एलपीजी गैस वितरकों के एक पंजीकृत संघ ने हाल ही में केरल हाईकोर्ट का रुख करते हुए प्रार्थना की है कि एलपीजी वितरण कर्मियों को भी COVID वैक्सीन में प्राथमिकता देने के लिए पहली पंक्ति के कर्मियों की श्रेणी में शामिल किया जाए।

जब सोमवार को न्यायमूर्ति एएम बदर की एकल पीठ ने इस मामले पर सुनवाई की तो सरकारी वकील ने बताया कि 19 मई को जारी एक सरकारी आदेश के अनुसार, आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले व्यक्तियों को COVID19 बीमारी के टीकाकरण में प्राथमिकता देने की बात कही गई है।

इसलिए, कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि याचिकाकर्ता-संघ लाभार्थियों का टीकाकरण प्राप्त करने की दिशा में कदम उठा सकता है, यदि वे इसके हकदार हैं।

वहीं मामले को 8 जून, 2021 को पोस्ट करने का निर्देश दिया गया था।

अधिवक्ता आदर्श कुमार और अधिवक्ता शशांक देवन के माध्यम से ऑल इंडिया एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन (केरल सर्कल) द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने एलपीजी गैस वितरकों द्वारा एलपीजी सिलेंडरों की आपूर्ति करने, रिफिल करने,वितरण, परिवहन, लोडिंग-अनलोडिंग आदि में लगाए गए कर्मियों को वैक्सीन में प्राथमिकता देने के लिए प्रथम श्रेणी के कर्मियों में शामिल न करके गंभीर चूक की है।

यह इंगित करते हुए कि इनके काम की प्रकृति ऐसी हैं कि इनको एलपीजी सिलेंडर के अंतिम उपभोक्ताओं के साथ निरंतर और निकट जाकर संपर्क करने आवश्यता होती है,इसलिए एलपीजी डिलीवरी बॉय का बहिष्कार मनमाना, अनुचित, अस्थिर, असंवैधानिक है और भारत के संविधान का आर्टिकल 14 का उल्लंघन है। डिलीवरी कर्मियों को इसमें शामिल न करना उनके जीवन और अपनी पंसद का व्यापार करने के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भी करता है,जिसकी गांरटी भारत के संविधान के आर्टिकल 19 और 21 के तहत उक्त कर्मचारियों को दी गई है।

फ्रंटलाइन वर्कर्स और डिलीवरी कर्मियों द्वारा किए गए काम की प्रकृति के बीच की समानताएं को बताते हुए याचिकाकर्ता एसोसिएशन ने कहा कि एलपीजी डिलीवरी कर्मियों को केरल आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम 1994 (केईएसएमए) के तहत आवश्यक कार्य करने वाले व्यक्तियों के रूप में वर्गीकृत किया गया था। चूंकि वे आवश्यक सेवाओं को पूरा करते हैं, ''एलपीजी डिलीवरी बॉय के साथ-साथ वे कर्मचारी जो सहायक काम करते हैं, वे कर्तव्य के साथ-साथ कानूनी रूप से सुचारू और निरंतर आपूर्ति, वितरण, परिवहन, लोडिंग-अनलोडिंग आदि सुनिश्चित करने के लिए बाध्य हैं ताकि ग्राहकों को उनके संबंधित आवासों या उक्त ग्राहकों की पसंद के ऐसे अन्य स्थानों पर एलपीजी सिलेंडरों को पहुंचाया जा सके। इस कारण से वे ''समाज में एक अत्यधिक संवेदनशील वर्ग का गठन करते हैं जो निरंतर जोखिम का सामना करता है और उचित प्रोटोकॉल व सावधानियों का पालन करने के बावजूद, उपरोक्त महामारी की खतरनाक संचरण क्षमता रखता है।''

याचिका में कहा गया है कि केरल के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य सेवा निदेशालय को भेजे गए अभ्यावेदन में भी यही मांग की गई थी कि डिलीवरी कर्मियों को पहली पक्ंित की श्रेणी के कर्मियों में शामिल किया जाए,परंतु उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इसलिए याचिकाकर्ता संघ हाईकोर्ट का रुख करने के लिए विवश हुआ है।

संघ निम्नलिखित राहत चाहता हैः

-केरल राज्य और/या स्वास्थ्य सेवा निदेशालय को निर्देश दिया जाए कि वह राजपत्रित अधिसूचना के माध्यम से एलपीजी डिलीवरी बॉय के साथ-साथ केरल राज्य में एलपीजी वितरकों के तहत कार्यरत ऐसे कर्मचारियों को कोरोना महामारी के संबंध में फ्रंटलाइन कार्यकर्ता के रूप में मान्यता दे और वर्गीकृत करे। जिसके बाद इस तरह के कर्मचारियों की इन श्रेणियों को COVID19 टीकाकरण कार्यक्रम के प्राथमिकता वाले लाभार्थियों के रूप में पहचाना जाए।

-केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि अधिसूचना, आदेश या अन्यथा के माध्यम से, केरल राज्य में एलपीजी वितरकों के तहत कार्यरत एलपीजी डिलीवरी बॉय के साथ-साथ ऐसे कर्मचारियों को कोरोना महामारी से जुड़े दिशा-निर्देशों/गाइड लाइन/आदेशों/सुर्कलर के संबंध में फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के रूप में पहचाने और वर्गीकृत करे और इस प्रकार कर्मचारियों की उक्त श्रेणी को COVID19 टीकाकरण कार्यक्रम के प्राथमिकता वाले लाभार्थियों के रूप में पहचाना और वर्गीकृत किया जाए।

-एक घोषणा की जाए कि एलपीजी डिलीवरी बॉय के साथ-साथ केरल राज्य में एलपीजी वितरकों के तहत कार्यरत ऐसे कर्मचारी कोरोना महामारी की स्थिति के संबंध में जारी निर्देशों/दिशानिर्देशों/आदेशों/परिपत्रों आदि के संबंध में अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता हैं और कर्मचारियों की उक्त श्रेणी को COVID19 टीकाकरण कार्यक्रम के प्राथमिकता वाले लाभार्थियों के रूप में वर्गीकृत किया जाए।

-केरल राज्य और/या स्वास्थ्य सेवा निदेशालय को निर्देश दिया जाए कि एलपीजी डिलीवरी बॉय और ऐसे अन्य कर्मचारियों को अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों और COVID19 टीकाकरण कार्यक्रम के प्राथमिकता वाले लाभार्थियों के रूप में पहचाना जाए और वर्गीकृत किया जाए।

-अंतरिम तौर पर यह आग्रह किया गया है कि केरल राज्य और/या स्वास्थ्य सेवा निदेशालय को यह निर्देश दिया जाए कि वह एलपीजी डिलीवरी बॉय और एलपीजी वितरकों द्वारा नियोजित ऐसे अन्य कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर अस्थायी रूप से COVID19 टीकाकरण के शॉट दिलाए।

-यह भी प्रार्थना की गई है कि केरल राज्य और/या स्वास्थ्य सेवा निदेशालय याचिकाकर्ता-संघ के अभ्यावेदनों पर मैरिट के आधार पर विचार करें और रिट याचिका के निपटान के लिए उचित आदेश पारित करें।

इस मामले की अगली सुनवाई 8 जून, 2021 को किए जाने की संभावना है।

केस का शीर्षकः ऑल इंडिया एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन बनाम भारत संघ व अन्य 

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