मरकज़ के कार्यक्रम में भाग लेने वाले विदेशियों के COVID 19 टेस्ट नकारात्मक होने के बाद उन्हें छोड़े जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका

Update: 2020-05-23 03:45 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट में निज़ामुद्दीन मरकज़ के कार्यक्रम में शिरकत करने आए लोगों में से 576 विदेशी नागरिकों लोगों को दिल्ली पुलिस को सौंपने के दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के निर्णय के ख़िलाफ़ याचिका दायर की गई है।

याचिकाकर्ताओं के अनुसार, ये विदेशी नागरिक एक महीने से अधिक समय से संस्थागत क्वारंटीन हैं। 9 मई 2020 को दिल्ली सरकार के आदेश के अनुसार यह पता चलने पर कि ये लोग संक्रमित नहीं हैं, इन्हें दिल्ली पुलिस को सौंपने का निर्णय किया गया है।

यह याचिका एडवोकेट अशिमा मंडला के माध्यम से दायर की गई है और कहा गया है कि सरकार का आदेश संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 22 का उल्लंघन करता है। याचिका में अदालत से बंदी प्रत्यक्षीकरण का अनुरोध किया गया है।

याचिका में कहा गया है कि

"वैसे भी, 916 विदेशियों को उनके संक्रमित नहीं होने के बावजूद एक महीने से अधिक समय से संस्थागत क्वारंटीन में रखना ग़ैरक़ानूनी हिरासत जैसा होगा जो कि संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 22 का उल्लंघन है।"

याचिका में कहा गया है कि ऐसे समय में जब ईद का त्योहार आनेवाला है, इन लोगों को हिरासत में रखना इनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।

याचिका में मांग की गई है कि अदालत दिल्ली सरकार को इन विदेशी नागरिकों को तत्काल रिहा करने का आदेश दे, जिन्हें दिल्ली में संस्थागत क्वारंटीन में रखा गया है कहा गया है और जो कोरोना से संक्रमित नहीं पाए गए हैं क्योंकि अब अगर उन्हें नहीं छोड़ा जाता है तो यह ग़ैरक़ानूनी हिरासत माना जाएगा। 


याचिका डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें




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