कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश देने की मांग, बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई सोमवार को
मुंबई के एक 42 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर करके घातक COVID-19 या नॉवेल कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए निवारक और एहतियाती उपाय सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न दिशा-निर्देशों की मांग की है।
शुक्रवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बीपी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की पीठ के समक्ष उक्त जनहित याचिका का उल्लेख किया गया और पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 16 मार्च की तारीख तय की।
उक्त जनहित याचिका के अनुसार, जैसा कि अमेरिकी सरकार ने वहां की आबादी में तेजी से फैल रहे संक्रमण को रोकने के लिए 30 दिनों के लिए यूरोप से अमेरिका में यात्रा प्रतिबंध की घोषणा की है, भारत को महामारी रोग अधिनियम, 1897 में भी संशोधन करना चाहिए। उक्त अधिनियम के प्रावधान वर्तमान स्थिति को संभालने के लिए अपर्याप्त हैं, जो गंभीर है।
याचिकाकर्ता ने उक्त अधिनियम में संशोधन के अलावा, महामारी रोग नियंत्रण बोर्ड की स्थापना के लिए प्रतिवादी अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की है ताकि महामारी की रोकथाम और प्रसार के लिए तत्काल कदम उठाए जा सकें।
केरल और कर्नाटक जैसे राज्यों का उदाहरण देते हुए याचिकाकर्ता ने भीड़ को एक स्थान पर इकट्ठा होने से रोकने सभी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टियों की घोषणा करने के निर्देश जारी करने की मांग की है।
इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से निम्नलिखित राहत की मांग की है-
याचिका की सुनवाई और अंतिम निपटान यह माननीय न्यायालय अधीनस्थ न्यायालयों, न्यायाधिकरणों / अर्ध-न्यायिक प्राधिकरणों को उन मामलों की सुनवाईए स्थगित करने के निर्देश जारी करने करने की कृपा करे है जिन्हें तत्काल सुनना आवश्यक नहीं है।
कॉर्पोरेट / निजी कंपनियों को निर्देशित करें कि कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति दें।
एयरपोर्ट/बंदरगाहों पर हाई-टेक सिस्टम को अपनाने के लिए निर्देश दें, जिससे प्रारंभिक चरण में ही प्रभावित व्यक्तियों का पता लगाने के लिए ताकि कोई भी प्रभावित व्यक्ति समाज में प्रवेश न कर सके और संक्रमण और अधिक न फैले।
दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई है और साथ ही अत्यधिक संक्रामक वायरस को फैलने से रोकने के लिए सुरक्षा उपाय के रूप में अदालत परिसर में अनावश्यक प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।