असम रेरा कानून के अनुसार काम नहीं कर रहा: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी किया
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए कहा कि असम रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा), कानून के अनुसार काम नहीं कर रहा है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने प्राधिकरण और उसके अध्यक्ष को नोटिस जारी किया।
चीफ जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस सौमित्र सैकिया की खंडपीठ अनीता वर्मा द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर विचार कर रही थी।
याचिका में कहा गया कि रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के तहत बनाया गया एक वैधानिक प्राधिकरण कानून के अनुसार काम नहीं कर रहा है।
याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया कि असम रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण द्वारा एक वेबसाइट भी नहीं बनाई गई है। हालांकि यह 2016 अधिनियम की धारा 34 (बी), (सी), और (डी) के तहत एक आवश्यकता है।
याचिकाकर्ता के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता यूके नायर द्वारा विशेष रूप से यह तर्क दिया गया कि प्राधिकरण की अपनी कोई वेबसाइट नहीं है। इसके कारण, कई घर खरीदारों को गुमराह किया जा सकता है या धोखा दिया जा सकता है।
कोर्ट ने इसे देखते हुए प्रतिवादी नंबर चार (असम रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) और प्रतिवादी नंबर पांच (अध्यक्ष, असम रेरा) को नोटिस जारी किया। वहीं मामले को तीन फरवरी, 2022 को फिर से सूचीबद्ध किया।
केस का शीर्षक - अनीता वर्मा बनाम असम का राज्य और चार अन्य
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