हाईकोर्ट ने हरियाणा के सभी जिलों में हीमोफीलिया के इलाज की कमी को उजागर करने वाली याचिका पर सरकार से जवाब मांगा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें आरोप लगाया गया कि एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार - हीमोफीलिया - का इलाज सभी जिलों में उपलब्ध नहीं है।
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने कहा,
"याचिकाकर्ताओं की शिकायत यह है कि राज्य द्वारा 19.10.2012 को लिए गए नीतिगत निर्णय...जिसे 12.11.2018 को संशोधित किया गया, उसके अनुसार हरियाणा राज्य के सभी जिलों में हीमोफीलिया का इलाज उपलब्ध नहीं है।"
याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि दिल्ली हाईकोर्ट मुकुल गांधी एवं अन्य बनाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार एवं अन्य [WP(C) नंबर 16449/2024] मामले में इसी तरह के मुद्दे पर विचार कर रहा है।
मुकुल गांधी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल केंद्र और दिल्ली सरकार को एंटीहेमोफिलिक फैक्टर इंजेक्शन के स्टॉक की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। यह इंजेक्शन एक दुर्लभ आनुवंशिक रक्त विकार, हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्तियों को दिया जाता है।
इसी प्रकार, सागर शर्मा बनाम स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने लोक नायक अस्पताल को निर्देश दिया कि वह आवश्यकतानुसार रोगी को इंजेक्शन लगाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करे कि उपचार के दौरान रोगी की देखभाल के लिए एक हेमेटोलॉजिस्ट उपलब्ध और ड्यूटी पर रहे।
यह मामला अब अंतरिम राहत पर विचार के लिए 31 जुलाई को सूचीबद्ध है।
Title: Vikas Sharma and others v. State of Haryana and others