पंजाब अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष की शैक्षिक योग्यता पर सवाल उठाने वाले याचिकाकर्ता पर लगा जुर्माना

Update: 2025-09-26 04:15 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जनहित याचिका (PIL) पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया। इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि पंजाब राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष केवल "आठवीं पास" हैं।

चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने जनहित की आड़ में "न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग" पर नाराजगी जताई।

जनहित याचिका में जतिंदर मसीह गौरव की नियुक्ति को चुनौती दी गई, जिन्हें 12.08.2025 की अधिसूचना द्वारा पंजाब राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। इस याचिका में विभिन्न आधारों पर यह भी कहा गया कि वह केवल आठवीं कक्षा पास हैं। उनके खिलाफ पहले के अपराधों के लिए भी FIR दर्ज है।

अटॉर्नी जनरल मनिंदरजीत सिंह बेदी ने दलील दी कि उक्त FIR को हाईकोर्ट पहले ही रद्द कर चुका है और मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट के अनुसार, उन्होंने दसवीं कक्षा पास की है।

बयानों को सुनने के बाद न्यायालय ने कहा,

"ऐसा प्रतीत होता है कि यह जनहित याचिका तथ्यों के समुचित सत्यापन के बाद दायर नहीं की गई। इसके अलावा, उक्त याचिका अधूरी है। इसमें विवरण व विशिष्टता का अभाव है।"

तदनुसार, खंडपीठ ने कहा,

"ऐसा प्रतीत होता है कि इस याचिका को दायर करके न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया गया। इसलिए इसे 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ खारिज किया जाता है..."

केस टाइटल: जगदीश मसीह व अन्य बनाम पंजाब राज्य व अन्य

Tags:    

Similar News