पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने लीज समाप्त होने के बाद विवादग्रस्त संपत्ति पर अनधिकृत कब्जे के लिए बीएसएनएल को संपत्ति से प्राप्त लाभ का भुगतान करने का निर्देश बरकरार रखा

Update: 2022-07-22 05:19 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में ट्रायल कोर्ट के लीज समाप्त होने के बाद उक्त संपत्ति से प्राप्त लाभ वापस करने के निर्देश को बरकरार रखा, जिसमें बीएसएनएल को लीज डीड की समाप्ति के बाद विवादग्रस्त संपत्ति के अनधिकृत कब्जे से होने वाले लाभ में से 1,000 रुपये की दर से भुगतान करने का निर्देश दिया गया था।

जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान की पीठ ने कहा कि वर्तमान मामले में कोई महत्वपूर्ण प्रश्न नहीं उठाया गया है। यह इस तथ्य का शुद्ध निष्कर्ष है कि अपीलकर्ता ने लीज डीड की समाप्ति के बाद भी परिसर खाली नहीं किया।

कोर्ट ने कहा,

"कोई महत्वपूर्ण प्रश्न नहीं उठाया गया है। यह इस तथ्य का शुद्ध निष्कर्ष है कि अपीलकर्ता ने 28.02.2005 को परिसर खाली नहीं किया, क्योंकि यह स्वीकार किया जाता है कि टावर वादी के परिसर में बना हुआ है। इसलिए, निचली अपीलीय अदालत ने इस तथ्य पर विचार करते हुए सही कहा कि बीएसएनएल द्वारा 840 वर्ग गज के रजवंती का नया परिसर 1,000 रुपए की दर से लाभ के भुगतान पर 2500/- रुपये किराए पर लिया गया था।

वर्तमान मामले में प्रतिवादी-वादी ने अपीलकर्ता-प्रतिवादी के खिलाफ इस आधार पर एक मुकदमा दायर किया कि विवादित संपत्ति उन्हें टावर लगाकर टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित करने के लिए 500/- रुपये प्रति माह की दर से 01.02.1994 से शुरू होकर 10 साल के लिए पट्टे पर दी गई थी।

पट्टा समझौते की समाप्ति के बाद प्रतिवादी-वादी ने बीएसएनएल को कानूनी नोटिस भेजा और उसके बाद मुकदमा दायर किया।

बीएसएनएल द्वारा यह ट्रायल कोर्ट के फैसले और निचली अपीलीय अदालत के फैसले के खिलाफ दायर की गई दूसरी अपील थी, जिसके तहत अदालत ने प्रतिवादी-वादी को कब्जे का डिक्री दी और बीएसएनएल को लीज डीड की समाप्ति के बाद सूट संपत्ति के अनधिकृत कब्जे में होने के लिए 1,000 रुपये की दर से उक्त संपत्ति से प्राप्त लाभ का भुगतान करने का निर्देश दिया।

तदनुसार, अदालत ने दोनों अपील खारिज कर दी।

केस टाइटल: महाप्रबंधक (टीडी), भारत संचार निगम लिमिटेड, रोहतक बनाम गुलाब सिंह

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