पटना हाईकोर्ट ने पीडीएस डीलर को नोटिस जारी किए बिना सम्पूर्ण रोजगार योजना के अनाज का पैसा वसूल किए जाने के मामले में बिहार सरकार से जवाब मांगा
पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने पीडीएस डीलर को नोटिस जारी किए बिना उनसे सम्पूर्ण रोजगार योजना के अनाज का पैसा वसूल किए जाने के मामले में बिहार राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति राजन गुप्ता तथा न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव तीन सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करें और स्थिति स्पष्ट करें।
बेंच ने पूछा,
"बिना नोटिस जारी किए किसी के खिलाफ कैसे कार्रवाई कर सकते हैं।"
कोर्ट के समक्ष एक लक्ष्मण राय की ओर से याचिका दायर की गई थी।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट आनंद कुमार ओझा तथा एडवोकेट राम किशोर सिंह ने कोर्ट को बताया कि राज्य में काम के बदले अनाज 'सम्पूर्ण रोजगार योजना' के तहत शुरू की गई थी। मजदूरों को कूपन से अनाज का वितरण पीडीएस डीलर के यहां से किया जाता था। कुछ समय के बाद अधिकारी मजदूरों को कूपन देना बंद कर दिए। ऐसे में पीडीएस डीलरों के पास इस योजना का अनाज रह गया।
हाईकोर्ट ने बाद में बचे हुए अनाज और अनाज के पैसे की वसूली करने को लेकर जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति उदय सिन्हा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था।
कमेटी ने पीडीएस डीलरों को दोषी मान बर्बाद हुए अनाज के पैसों की वसूली करने का आदेश दिया। इसके बाद से पीडीएस डीलरों से पैसों की वसूली की जा रही है।
कोर्ट ने कहा,
"व्यक्तिगत और सार्वजनिक नोटिस जारी किए बिना पीडीएस डीलरों को दोषी मान बचे हुए अनाज के पैसों की वसूली करना कानूनन गलत है।"
कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया कि आवेदक पीडीएस डीलर के पास मात्र 9 क्विंटल अनाज उनकी दुकान में बचा था। बचे हुए अनाज को उठाने के लिए बार-बार सरकारी अधिकारियों से गुहार लगाए जाने के बावजूद कूपन जारी नहीं किया गया और अंततः अनाज बर्बाद हो गया। अब बर्बाद हुये अनाज का पैसा जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है।