पटना हाईकोर्ट ने एक लोक अभियोजक, जिसकी अनुपस्थिति के कारण 90 से अधिक जमानत मामलों का निस्तारण नहीं हो सका, के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया
पटना हाईकोर्ट एक महत्वपूर्ण आदेश में हाल ही में राज्य के महाधिवक्ता को एक लोक अभियोजक के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जो न्यायालय के समक्ष अनुपस्थित रहे, जिसके कारण 90 से अधिक जमानत मामलों का न्यायालय निस्तारण नहीं कर सका।
जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा की खंडपीठ ने आदेश में कहा,
"आदेश की प्रति विद्वान महाधिवक्ता के कार्यालय को भेजी जाए कि वह संबंधित विद्वान पीपी प्रभारी, जो ड्यूटी करने में विफल रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करें और जो कार्रवाई की जाए, वह न केवल नियमों के तहत बल्कि अनुच्छेद 51 के अनुसार भी आवश्यक हो।"
दरअसल, 16 दिसंबर, 2022 को, 100 जमानत मामले जस्टिस शर्मा की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध थे, हालांकि, पीपी श्याम कुमार सिंह, जो संबंधित पीठ के प्रभारी हैं, उपस्थित नहीं थे। न्यायालय ने कहा कि न्यायालय के समक्ष केवल दो पीपी उपस्थित थे और वे कुल मिलाकर दो मामलों से संबंधित थे।
इसे देखते हुए, शुरुआत में, न्यायालय ने टिप्पणी की कि संबंधित पीपी की अनुपस्थिति में, जमानत आवेदनों को स्वीकार करना उचित नहीं था क्योंकि राज्य सरकार से सहायता आवश्यक है।
इसके अलावा, पीपी प्रभारी की अनुपस्थिति पर निराशा व्यक्त करते हुए, कोर्ट ने आदेश दिया कि 95 जमानत आवेदन (जो संबंधित पीपी की अनुपस्थिति के कारण अनिर्णित रह गए) को 20 दिसंबर, 2022 को नियमित बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।
केस टाइटलः आनंद कुमार बनाम बिहार राज्य