पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता ने अडानी ग्रुप पर रिपोर्टिंग को रोकने के आदेश को चुनौती दी
पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता और चार अन्य पत्रकारों ने दिल्ली कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें उन्हें अडानी ग्रुप के बारे में खबरें प्रकाशित करने से रोक दिया गया था।
यह अपील पत्रकारों रवि नायर, अबीर दासगुप्ता, अयास्कांत दास और आयुष जोशी के साथ मिलकर परंजॉय गुहा ठाकुरता द्वारा दायर की गई।
इन पत्रकारों ने रोहिणी कोर्ट के स्पेशल सिविल जज अनुज कुमार सिंह द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी। ट्रायल कोर्ट ने अपने आदेश में प्रथम दृष्टया पाया था कि पत्रकारों द्वारा अडानी ग्रुप के बारे में प्रकाशित खबरें मानहानिकारक और असत्यापित हैं।
जज ने अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के पक्ष में पत्रकारों और तीन वेबसाइटों - pranjoy.in, adaniwatch.org और adanifiles.com.au के खिलाफ एकतरफा अंतरिम निषेधाज्ञा जारी की थी।
पूरा मामला
ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया मामला अडानी ग्रुप के पक्ष में है और संतुलन भी उनके पक्ष में है। कोर्ट ने कहा कि लगातार खबरें प्रकाशित करने और सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग से कंपनी की छवि धूमिल हो सकती है और इससे मीडिया ट्रायल भी हो सकता है।
अडानी ग्रुप ने अपने मुकदमे में आरोप लगाया कि पत्रकार एजेंडा-संचालित वेबसाइट चला रहे थे। ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष के खिलाफ लगातार आधारहीन और मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित कर रहे थे। मुकदमे में कहा गया कि इन खबरों से अदानी एंटरप्राइजेज के संचालन में वैश्विक स्तर पर बाधा आ रही है, निवेशक दूर जा रहे हैं और बाजार में घबराहट पैदा हो रही है।
ट्रायल कोर्ट ने पत्रकारों को अपने लेखों या सोशल मीडिया पोस्ट से अडानी ग्रुप के खिलाफ मानहानिकारक सामग्री हटाने का निर्देश दिया। यदि यह संभव नहीं है तो इसे 5 दिनों के भीतर हटाने को कहा था।
कोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत मध्यस्थों से भी कहा कि वे ऐसी सामग्री को 36 घंटे के भीतर हटा दें या उस तक पहुंच को अक्षम कर दें, जब उन्हें अदालत या सरकार की ओर से आदेश मिले।