निर्भया मामला : पटियाला हाउस कोर्ट ने  मुकेश की याचिका खारिज की, घटना के समय दिल्ली में ना होने का दावा किया था 

Update: 2020-03-17 13:08 GMT

निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में एक दोषी मुकेश की उस याचिका को पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दिया जिसमें ये दावा करते हुए मौत की सजा पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था कि वो घटना के समय वो दिल्ली में नहीं था। अदालत ने मामले को बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भेजा है। 

दोषी मुकेश ने दावा किया था कि उसे राजस्थान से 17 दिसंबर 2012 को गिरफ्तार किया गया था और वह 16 दिसम्बर 2012 को घटना के समय मौजूद नही था। साथ ही ये आरोप भी लगाया था कि जेल में उसे प्रताड़ित किया गया है। 

मंगलवार को मुकेश की ओर से पेश वकील मनोहर लाल शर्मा ने दावा किया कि घटना के बाद उसे राजस्थान से लाया गया। लेकिन दिल्ली पुलिस ने ये मना कर दिया कि उसके राजस्थान से लेकर आये थे। किसी दूसरे राज्य से किसी आरोपी को लाने पर उस राज्य की पुलिस को कागजात देने होते हैं लेकिन दिल्ली पुलिस ने कागजात को नहीं दिखाया।

ये घटना 16 दिसम्बर 2012 रात की है और मुकेश को सुबह 2 -3 बजे राजस्थान से गिरफ्तार किया गया। वकील ने दावा किया कि ये सारे दस्तावेज इस जांच में छुपाए गए जबकि एक पुलिसकर्मी ने अदालत में ये कहा भी था। 

वहीं इस याचिका का विरोध करते हुए तिहाड़ जेल की ओर से कहा गया कि ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट के सामने उठाया गया था और हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। ऐसे में इस अदालत में ये अर्जी दाखिल नहीं हो सकती। 

इस मामले में चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया गया है। 

इस मामले में चारों दोषियों मुकेश सिंह, अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका और दया याचिका खारिज हो चुकी हैं और उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है। 

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