निर्भया गैंगरेप : दोषी मुकेश को झटका, फिर से क्यूरेटिव दाखिल करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की 

Update: 2020-03-16 08:48 GMT

निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषी मुकेश सिंह की उस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है जिसमें क्यूरेटिव याचिका और दया याचिका दाखिल करने की अनुमति मांगी गई थी। चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी देने का डेथ वारंट जारी किया गया है।

सोमवार को जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने सोमवार को दोषी मुकेश की ओर से पेश वकील मनोहर लाल शर्मा की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि दोषी के पास कोई विकल्प मौजूद नहीं है और वो अपने सारे उपचार पूरे कर चुका है।

पीठ ने उस दलील को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया कि अमिक्स क्यूरी और बाद में मुकेश की पैरवी करने वाली वकील वृंदा ग्रोवर ने दबाव डालकर और धोखे से याचिका पर हस्ताक्षर ले लिए थे जबकि दोषी के पास क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने के लिए तीन साल का समय था। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस याचिका का विरोध किया और खारिज करने की मांग की। 

मुकेश ने यह याचिका 6 मार्च को दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था, जिसके बाद 16 मार्च की तारीख सुनवाई के लिए मुकर्रर की थी।

यह याचिका मुकेश सिंह के भाई सुरेश सिंह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।यह याचिका सुरेश की ओर से वकील एमएल शर्मा ने याचिका दायर की मुकेश के वकील एमएल शर्मा का कहना था कि क्यूरेटिव याचिका दायर करने की समय सीमा तीन साल थी, जिसकी जानकारी मुकेश सिंह को नहीं दी गई।

उनका कहना है कि पूर्व वकील ने धोखे से मुकेश से कागजात पर साइन करवाए और याचिका दाखिल कर दी, जो खारिज भी हो गई।

दरअसल दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट चारों दोषियों विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय ठाकुर को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया है। कोर्ट द्वारा जारी चौथे डेथ वारंट के मुताबिक आगामी 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे चारों दोषियों को एक साथ फांसी की सजा दी जानी है।

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