निर्भया केस : डेथ वारंट पर रोक लगाने के लिए दोषियों ने अदालत में अर्ज़ी दी
दिल्ली की अदालत ने तिहाड़ जेल से निर्भया केस के दोषी की याचिका पर रिपोर्ट दायर करने के लिए कहा है।
दिल्ली की एक अदालत ने तिहाड़ के अधिकारियों को निर्भया केस के दोषियों में से एक अक्षय ठाकुर की मौत की सज़ा के लिए जारी डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका के जवाब में अपनी रिपोर्ट दायर करने के निर्देश दिए हैं।
पटियाला हाउस कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने मामले को सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
अक्षय के वकील एपी सिंह ने शनिवार को अदालत को सूचित किया कि अक्षय की ओर से एक "पूर्ण" दया याचिका, भारत के राष्ट्रपति के विचार के लिए प्रस्तुत की गई है। उन्होंने कहा कि पहले दया याचिका जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था, उसमें "पूर्ण तथ्य" नहीं थे।
अदालत को यह सूचित किया गया कि पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है जबकि एक आपराधिक अपील का मामला भी दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है।
इसके अलावा, विनय शर्मा की दया याचिका को चुनौती देने के लिए भारत के चुनाव आयोग के समक्ष एक याचिका भी लंबित है।
5 फरवरी को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने दोषी ठाकुर की दया याचिका को खारिज कर दिया था। अब तक विनय शर्मा और मुकेश सिंह की दया याचिका भी खारिज कर दी गई है।
17 फरवरी को विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता और मुकेश सिंह को दोषियों के लिए एक ताजा डेथ वारंट जारी किया गया जिसमें 3 मार्च को सुबह 6 बजे, फांसी का समय तय किया गया।
7 जनवरी को, चार दोषियों के खिलाफ पहला डेथ मौत का वारंट जारी किया गया था, और 22 जनवरी के लिए फांसी की तारीख निर्धारित की गई थी। हालांकि दोषियों द्वारा कानूनी उपायों के घटनाक्रम के बाद 17 जनवरी को दिए गए एक आदेश से उक्त तारीख को 1 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।