NEET-UG: केरल हाईकोर्ट ने ओएमआर शीट में हेराफेरी का आरोप लगाने वाली उम्मीदवार की याचिका खारिज की
केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में एक NEET-UG 2021 उम्मीदवार द्वारा दायर एक याचिका को खारिज किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसके आवेदन संख्या से जुड़ी ओएमआर शीट में हेरफेर किया गया और उसी की जांच की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति एन. नागरेश ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा गठित समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर गौर करने के बाद कहा,
"समिति ने याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों पर पूरी तरह से विचार किया है। यह निष्कर्ष निकालने के लिए कोई सामग्री नहीं है कि याचिकाकर्ता की ओएमआर शीट में कोई हेरफेर किया गया था। अन्य छात्रों से कोई अन्य शिकायत प्राप्त नहीं हुई है जो एक ही कमरे से परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे। कमिटी ने पाया कि ओएमआर शीट में हेराफेरी की संभावना बहुत कम थी।"
न्यायाधीश ने 12 सितंबर को आयोजित एनईईटी-यूजी 2021 परीक्षा में एक उम्मीदवार द्वारा दायर एक याचिका में आदेश पारित किया, जिसमें उसकी ओएमआर शीट में कथित हेरफेर की सीबीआई जांच की मांग की गई थी।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि ओएमआर शीट में उसके हस्ताक्षर में हेराफेरी की गई और उसके माता-पिता के नाम गलत थे।
उसने आगे तर्क दिया कि ओएमआर शीट पर निशान उसके नहीं थे। यह भी आरोप था कि न्यूमेरिकल सेक्शन में उसका रोल नंबर बबल वाले हिस्से से मेल नहीं खाता है।
उसने ओएमआर शीट में देखे गए बाएं हाथ के अंगूठे के निशान पर भी गंभीर संदेह जताया। इन आरोपों के आधार पर कोर्ट ने एनटीए से जांच के आदेश दिए थे।
एक अंतरिम आदेश द्वारा, याचिकाकर्ता को एनटीए के पास रखी गई मूल ओएमआर शीट को व्यक्तिगत रूप से जांच करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, इसके अवलोकन के बाद भी उसने अपने आरोपों को दोहराया।
इसके बाद, कथित घटना की जांच करने के लिए आईआईटी के तीन प्रख्यात प्रोफेसरों के साथ संयुक्त निदेशक की अध्यक्षता में एनटीए द्वारा एक समिति का गठन किया गया था।
समिति ने जांच पूरी होने पर 15.11.2021 को अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए हर आरोप को पूरी तरह से निपटाया गया।
कोर्ट ने अपनी व्यापक रिपोर्ट में किए गए समिति के निष्कर्षों पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं पाया। तदनुसार रिट याचिका खारिज कर दी गई।
मामले में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रजित पेश हुए जबकि एनटीए की ओर से अधिवक्ता एस निर्मल पेश हुए।
केस का शीर्षक: रितु सिबी बनाम भारत संघ एंड अन्य।
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