धोखाधड़ी का कर्ज़ चुकाने में नाकाम DHFL के पूर्व चेयरमैन कपिल वाधवान दिवालिया घोषित

Update: 2025-08-27 07:08 GMT

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) मुंबई बेंच ने डीएचएफएल (Dewan Housing Finance Ltd.) के पूर्व चेयरमैन कपिल वाधवान को 4546 करोड़ के बकाया कर्ज़ पर दिवालिया घोषित कर दिया। यह आदेश यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की याचिका पर 14 अगस्त 2025 को पारित किया गया।

यूनियन बैंक ने वाधवान के खिलाफ इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) 2016 की धारा 123 के तहत दिवालियापन की कार्यवाही शुरू करने की मांग की थी। वाधवान DHFL के पर्सनल गारंटर थे जिसने कई बैंकों से भारी मात्रा में लोन लिया था।

DHFL के खिलाफ RBI की याचिका पर पहले ही कॉर्पोरेट दिवालियापन प्रक्रिया (CIRP) शुरू हो चुकी है। यूनियन बैंक का दावा था कि वाधवान ने 50,656 करोड़ तक की गारंटी दी थी परंतु डिफॉल्ट होने पर गारंटी पूरी नहीं की। बैंक ने पहले 3,958 करोड़ की वसूली के लिए नोटिस जारी किया लेकिन भुगतान न होने पर यह दिवालियापन याचिका दायर की गई।

मामला पहले NCLT मुंबई बेंच-I में सुना गया, जहां वाधवान की आपत्ति खारिज कर दी गई। उन्होंने NCLAT और फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया लेकिन राहत नहीं मिली। अंततः पुनर्भुगतान योजना जमा करने में विफल रहने पर लेनदारों ने सर्वसम्मति से दिवालियापन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया।

NCLT ने यूनियन बैंक की याचिका स्वीकारते हुए कपिल वाधवान को दिवालिया घोषित किया और संजय कुमार मिश्रा को दिवालिया ट्रस्टी नियुक्त किया।

केस टाइटल: Union Bank of India बनाम कपिल वाधवान

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