कॉज़ लिस्ट में सीनियर एडवोकेट्स के नाम का उल्लेख नहीं होना चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को अपनी रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह कॉज़ लिस्ट में सीनियर एडवोकेट्स के नाम का उल्लेख न करे।
न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की पीठ एक आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
इस दौरान संशोधनवादी के वकील जीएस चौहान ने प्रस्तुत किया कि मामले में बहस करने वाले वकील अनिल श्रीवास्तव को वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था।
इस पर कोर्ट ने रजिस्ट्री को अनिल श्रीवास्तव का नाम कॉज़ लिस्ट से हटाने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने आगे कहा,
"यह आगे निर्देश दिया जाता है कि किसी भी सीनियर एडवोकेट्स का नाम कॉज़ लिस्ट में उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह एडवोकेट एक्ट और बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए नियमों में निहित प्रावधानों के खिलाफ है।"
गौरतलब है कि पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूछा था कि कानून के किस प्रावधान के तहत सीनियर एडवोकेट का नाम कॉज़ लिस्ट [WRIT - A No.-9067 of 2019] में दर्शाया गया है।
अदालत ने निम्नलिखित निर्देश जारी करने पर विचार करने के लिए मामले को 15 जनवरी के लिए पोस्ट किया।
हालांकि, अब तक इस मामले को नहीं लिया गया है:
"सीनियर एडवोकेट की नियुक्ति का यह मामला उनका नाम कॉज़ लिस्ट में प्रदषित हो रहा है और एक सीनियर एडवोकेट की अनुपलब्धता के कारण स्थगन की मांग करने के लिए एक वकील के अधिकार को अधिवक्ता अधिनियम और बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए नियम और विनियम, प्रावधानों के संदर्भ में अगली तारीख को संबोधित किया जाना चाहिए।
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