यदि मैला ढोने की किसी गतिविधि का पता चलता है तो नगर पालिका प्रमुख व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे: मद्रास उच्च न्यायालय

Update: 2021-09-10 06:04 GMT

मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने मैला ढोने की बुराई को मिटाने के लिए बुधवार को कहा कि यदि कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से सीवर की सफाई में लिप्त पाया जाता है तो नगर पालिका प्रमुख व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे।

कोर्ट ने निगमों और नगर पालिकाओं के प्रमुखों को इस आशय का एक लिखित वचन पत्र दाखिल करने का भी निर्देश दिया कि उनके अधिकार क्षेत्र में किसी को भी हाथ से मैला ढोने का काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी और जस्टिस पीडी ऑदिकेशवालु की खंडपीठ ने बुधवार को निर्देश दिया, "राज्य भर के नगर निगमों के सभी आयुक्तों और नगर पालिकाओं के प्रमुखों को इस आशय का लिखित वचन देना चाहिए कि संबंधित निगम या नगर पालिका क्षेत्रों के भीतर किसी को भी हाथ से मैला ढोने का काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।"

कोर्ट ने ये निर्देश मैनुअल स्कैवेंजिंग को खत्म करने और पीड़ितों के उचित पुनर्वास को सुनिश्चित करने के निर्देश देने की ‌लिए गैर सरकारी संगठन सफाई कर्मचारी आंदोलन की ओर से दायर याचिका सहित याचिकाओं के बैच पर फैसला सुनाते हुए जारी किए।

कोर्ट ने निर्देश में कहा कि नगर निकायों के प्रमुखों और सहकारिता आयुक्तों को व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी ठहराया जाएगा, यदि यह पता चलता है कि उनके अधिकार क्षेत्र में हाथ से मैला ढोने की गतिविधियां हो रही हैं।

कोर्ट ने कहा, "यह खुशी की बात है कि किसी भी सफाई कर्मचारी की मृत्यु की सूचना नहीं है। कोई भी हाथ से मैला ढोने की घटना नहीं हो सकती है और यह सुनिश्चित करना राज्य के सभी नगर निकायों और निगमों की जिम्मेदारी बनी रहेगी कि कोई भी हाथ से मैला ढोने की गतिविधि न हो। निगमों के आयुक्त और नगर पालिकाओं के प्रमुख, जैसा कि पिछले आदेशों में कहा गया है, किसी के भी कार्यक्षेत्र में हाथ से मैला ढोने की गतिविधि का पता चलने या उसके दौरान कोई दुर्घटना होने की स्थिति में व्यक्तिगत रूप से उन्हें उत्तरदायी ठहराया जाएगा।"

कोर्ट ने राज्य को भी यह सुनिश्चित करने राज्य में कहीं भी हाथ से मैला ढोने की आवश्यकता न हो, उचित मशीनें प्राप्त करने या सीवर लाइनों में सुधार करने के लिए निर्देशित किया। आदेश में आगे कहा गया कि यह सुनिश्चित करने की निगमों और नगर पालिकाओं के प्रमुखों की जिम्मेदारी होगी कि कोई भी व्यक्ति हाथ से मैला ढोने की गतिविधि में शामिल न हो या किसी अन्य को शामिल न करे।

मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होनी है। सुनवाई की अगली तारीख से पहले राज्य को इस संबंध में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दिया गया था।

केस शीर्षक: सफाई कर्मचारी आंदोलन और अन्य बनाम यूनियन ऑफ इं‌डिया और अन्य

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