एमएस धोनी ने मद्रास हाईकोर्ट में आईपीएस अधिकारी के खिलाफ न्यायपालिका के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​​​याचिका दायर की

Update: 2022-11-05 05:37 GMT

क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने आईपीएल घोटाले के संबंध में दायर एक याचिका में सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट के खिलाफ कथित टिप्पणी के लिए जी संपत कुमार आईपीएस के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​​​कार्यवाही शुरू करने की मांग करते हुए मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

जस्टिस पीएन प्रकाश और जस्टिस आरएमटी टीका रमन की पीठ के समक्ष इस मामले को शुक्रवार को सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन यह सुनवाई के लिए नहीं आ सका और अब इस पर अगले सप्ताह इस पर सुनवाई होने की उम्मीद है।

धोनी ने तर्क दिया है कि IPS अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट के खिलाफ अपमानजनक और अपमानजनक टिप्पणी की, जो न्यायिक प्रणाली में आम आदमी के विश्वास को झकझोरने सकता है और इस तरह यह टिप्पणी आपराधिक अवमानना ​​​​का गठन करती है।

संपत कुमार ने कथित तौर पर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस मुद्गल समिति (2013 आईपीएल में मैच फिक्सिंग की स्वतंत्र जांच के लिए गठित) की रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को सीलबंद लिफाफे में रखने का फैसला किया और विशेष जांच दल को इसे उपलब्ध नहीं कराया।

धोनी ने अपनी याचिका में कहा कि संपत ने आरोप लगाया कि सीलबंद कवर प्रदान नहीं करने में सुप्रीम कोर्ट का "एक मकसद" है।

यह आगे आरोप लगाया गया है कि संपत ने मद्रास हाईकोर्ट का अनादर किया और उसे बदनाम किया और एडवोकेट जनरल के कार्यालय और मद्रास हाईकोर्ट के नामित सीनियर एडवोकेट के खिलाफ आरोप लगाए।

ये बयान संपत ने एक अतिरिक्त हलफनामे में दिए थे जो धोनी द्वारा अधिकारी और ज़ी मीडिया कॉरपोरेशन के खिलाफ मैच फिक्सिंग के आरोपों को लेकर दायर एक सिविल सूट में दायर किया गया था।

आपराधिक अवमानना ​​की कार्यवाही हेतु एडवोकेट जनरल के कार्यालय से आवश्यक सहमति प्राप्त कर वर्तमान आवेदन न्यायालय की अवमानना ​​अधिनियम 1975 की धारा 15 एवं न्याय के हित में ऐसे अन्य आदेशों के तहत अधिकारी को दंडित करने की प्रार्थना करते हुए प्रस्तुत किया गया है।

केस टाइटल : महेंद्र सिंह धोनी बनाम जी संपत कुमार

केस नंबर: अवमानना ​​याचिका 2361/2022

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