लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह ने अपने खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 (NSA) के तहत जारी तीसरे लगातार निरोध आदेश को चुनौती देते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया।
अमृतपाल सिंह पंजाब के खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं। वह अप्रैल, 2023 से निरंतर निवारक हिरासत में रह रहे हैं।
इससे पहले 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था और उन्हें हाईकोर्ट में जाने की छूट दी थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया था कि वह मामले का निस्तारण यथासंभव छह सप्ताह के भीतर करे।
हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में अमृतपाल सिंह ने कहा कि उनके खिलाफ जारी ताजा निरोध आदेश पूरी तरह मनमाना कानून के विपरीत और अधिकार क्षेत्र से परे है। उनके अनुसार, यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 21 और 22 में निहित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। याचिका में यह भी दावा किया गया कि कथित जनविरोधी गतिविधियों से उन्हें जोड़ने वाला कोई विश्वसनीय या ठोस साक्ष्य मौजूद नहीं है, फिर भी उन्हें लगातार हिरासत में रखा जा रहा है।
अमृतपाल का कहना है कि निरोध प्राधिकारी ने जिन आरोपों के आधार पर आदेश पारित किया, उनके समर्थन में कोई सामग्री उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई। केवल किसी जांच के लंबित होने, FIR दर्ज होने या किसी मामले में आरोपी के रूप में नाम आने का हवाला देकर निवारक निरोध को सही नहीं ठहराया जा सकता, जब तक कि यह स्पष्ट न किया जाए कि ऐसे कृत्यों से सार्वजनिक व्यवस्था भंग हुई है या उससे कोई तात्कालिक खतरा उत्पन्न हुआ है।
याचिका में यह भी कहा गया कि अस्पष्ट, अपुष्ट या केवल आशंकाओं पर आधारित धारणाओं के सहारे निवारक निरोध को उचित नहीं ठहराया जा सकता। कानून का तकाजा है कि निरोध आदेश ठोस तथ्यों और पर्याप्त सामग्री पर आधारित हो जो इस मामले में नहीं है।
अब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करेगा और यह तय करेगा कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ NSA के तहत जारी तीसरा निरोध आदेश संवैधानिक और कानूनी कसौटियों पर खरा उतरता है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार हाईकोर्ट से अपेक्षा है कि वह इस मामले पर छह सप्ताह के भीतर फैसला करने का प्रयास करेगा।