कलकत्ता हाईकोर्ट ने सामूहिक बलात्कार की नाबालिग पीड़िता को 'शुभकामनाएं' देते हुए 25+ सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दी

Update: 2023-08-22 03:32 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को एक नाबालिग सामूहिक बलात्कार पीड़िता की गर्भावस्था की मेडिकल टर्मिनेशन की अनुमति दी, जो कि चिकित्सीय गर्भावस्था समाप्ति अधिनियम, 1971 के तहत 24 सप्ताह की वैधानिक सीमा से अधिक हो गई थी।

पहले के अवसर पर न्यायालय ने कहा था कि वर्तमान मामला 1971 अधिनियम के तहत परिकल्पित अपवाद के अंतर्गत आता है, जिसमें गर्भावस्था को जारी रखने की स्थिति में मां के जीवन को खतरा हो सकता है और 25+ सप्ताह की गर्भवती नाबालिग लड़की के लिए गर्भपात की व्यवहार्यता का आकलन करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठन का निर्देश दिया था।

जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य की एकल पीठ ने कहा:

उक्त रिपोर्ट का सार यह है कि परिस्थितियों और रोगी की शारीरिक और मानसिक स्थितियों पर विचार करते हुए बोर्ड के सदस्य इस निर्णय पर पहुंचे हैं कि गर्भावस्था को समाप्त कर दिया जाना चाहिए, लेकिन रोगी की सुरक्षा के लिए और किसी भी जटिलता को कम करने के लिए ऐसा किया जाना चाहिए। उस स्थान से ऊंचे केंद्र पर किया जाना चाहिए जहां पीड़िता अभी रहती है। चूंकि प्रतिवादी संख्या द्वारा अत्यंत निष्पक्ष रुख अपनाया गया है।

"नाबालिग बच्ची के लिए शुभकामनाएं ', कोर्ट ने आदेश दिया कि डॉक्टरों की एक टीम कानून में उल्लिखित सभी औपचारिकताओं का ध्यान रखते हुए जल्द से जल्द प्रक्रिया को पूरा करेगी।" 

केस : एक्स बनाम पश्चिम बंगाल राज्य एवं अन्य

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