सिर्फ इसलिए कि लिव-इन रिलेशनशिप अस्वीकार्य है, महिला को उसके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकताः लिएंडर पेस घरेलू हिंसा के लिए जिम्मेदार

Update: 2022-02-26 07:30 GMT

 मुंबई स्थित एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने टेनिस स्टार लिएंडर पेस और मॉडल व आर्ट ऑफ लिविंग की प्रशिक्षक रिया पिल्लई के रिश्ते को 'विवाह की प्रकृति' में मानते हुए पेस को घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत आर्थिक और मानसिक हिंसा के लिए उत्तरदायी ठहराया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जब टेनिस स्टार लिएंडर ने रिया पिल्लई के साथ वर्ष 2003-2005 में रहना शुरू किया था तो वह यह बात जानते थे कि रिया पिल्लई की शादी अभिनेता संजय दत्त से हुई थी।

अदालत ने पेस को आदेश दिया है कि वह पिल्लई को प्रतिमाह एक लाख रुपए भरण-पोषण के लिए और 50 हजार रुपए किराए के तौर पर दें। पेस पहले से ही अपनी बेटी का सारा खर्च वहन कर रहे हैं।

कोर्ट ने यह आदेश देते हुए कहा कि,

''विवाहित व्यक्तिों द्वारा उनके शादी के रिश्ते से बाहर सहमति से यौन संबंध बनाना प्रतिबंधित नहीं हैं, कुछ अपवादों को छोड़कर ... केवल इसलिए कि सामाजिक रूप से ऐसी प्रथा अस्वीकार्य है, आवेदक को उसके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है।''

''कानून को बदलते पैटर्न और समाज के बदलते मानदंडों की आवश्यकताओं के साथ अपनी गति बनाए रखनी चाहिए। ऐसा परिवर्तन संवैधानिक मानदंडों यानी संवैधानिक नैतिकता के अनुरूप होना चाहिए। यह मानव अधिकारों और न्याय के साथ असंगत कठोर सामाजिक मानकों द्वारा नियंत्रित नहीं होना चाहिए।''

अदालत ने कहा कि पेस को पिल्लई के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करने, 2006 में अपने बच्चे के गर्भ धारण करने की अनुमति देने और 2008 में दत्त के साथ उसका तलाक होने के बाद भी इस रिश्ते को जारी रखने के कारण उनके संबंधों की वैधता पर सवाल उठाने से रोक दिया गया है।

इसलिए, ''प्रतिवादी (पेस) के रुख को स्वीकार करने का मतलब उस व्यक्ति से नैतिकता का दावा स्वीकार करना है जिसने लाभ हासिल करने के लिए अनैतिक मार्ग अपनाया था।''

मामले के तथ्य

पिल्लई वर्ष 2000 में दत्त से अलग हो गई थी और वर्ष 2003 में लिएंडर पेस से मिली। एक संक्षिप्त प्रेमालाप के बाद वे एक-दूसरे के साथ रहने लगे और वर्ष 2006 में पिल्लई ने एक बच्चे को जन्म दिया। दो साल बाद, वर्ष 2008 में, दत्त से पिल्लई का तलाक हो गया। इसके बाद, उसी साल पेस के पिता वेस और उनके पार्टनर जैकर्स में उनके नए अपार्टमेंट में इस जोड़े के साथ रहने लगे। बाद में मतभेद पैदा हुए और फरवरी 2014 में पेस ने गार्जियनशिप एंड वार्ड्स एक्ट, 1890 के तहत फैमिली कोर्ट में अपनी बेटी की कस्टडी की मांग करते हुए एक याचिका दायर की।

उसी वर्ष, मई में, पिल्लई ने वर्तमान डीवी सूट पेस और उनके पिता के खिलाफ दायर कर दिया।

अपने वकील महेश जेठमलानी और एमना उस्मान के माध्यम से, पिल्लई ने दावा किया कि उसका अनादर किया गया। पेस के पिता द्वारा उसे घर से बेदखल करने का प्रयास, पेशेवर रूप से उसके कंप्यूटर को हैक करने और उसके सामान की तलाशी लेने के अलावा उसे धोखा दिया गया है।

दूसरी ओर, पेस ने आवेदन की अनुरक्षणियता पर सवाल उठाया और कहा कि उनका संबंध उस घरेलू संबंध जैसा नहीं था जैसा कि अधिनियम की धारा 2 (एफ) के तहत माना जाता है। उन्होंने पिल्लई पर धोखाधड़ी और उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि उन्हें यह बात पता थी कि जब वह उसके साथ रह रही थी,उस समय उसकी दत्त के साथ शादी टूटी नहीं थी। उन्होंने तर्क दिया कि वह उसके प्रति वफादार नहीं है और एक गैर-जिम्मेदार व स्वच्छंद जीवन जीती है। इसके अलावा, उसे दत्त से तलाक लेते समय काफी कुछ मिल गया था।

अदालत

अदालत ने कहा कि चूंकि पिल्लई आर्थिक और मानसिक हिंसा के सभी आरोपों को साबित करने में सफल रही है, इसलिए अपने आप को सही साबित करने का बोझ पेस के कंधों पर आ गया है, परंतु वह ऐसा करने में विफल रहे हैं।

अदालत ने कहा कि जहां व्यभिचार के आरोपों का संबंध है, तो लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले व्यक्ति कमजोर पायदान पर खड़े होते हैं और उनके पास उतने मजबूत अधिकार नहीं होते हैं,जितने कि एक विवाहित  व्यक्ति के पास होते हैं।

''इस तरह के रिश्ते में प्रवेश करने से पहले उन्हें परिणामों का सामना करने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए और उस स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए जहां उनके पास विवाहित जोड़े के लिए उपलब्ध बचाव या विशेषाधिकार नहीं हो सकते हैं। इसलिए, भले ही यह मान लिया जाए कि आवेदक (पिल्लई) एक व्यभिचारी जीवन जी रही थी,यह तथ्य भी प्रतिवादी (पेस) को उसे (पिल्लई) बनाए रखने के दायित्व से मुक्त नहीं कर सकता है।''

यह साबित होता है कि प्रतिवादी ने घरेलू हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम दिया है।

अदालत ने कहा कि जब तक आवेदन पर फैसला नहीं हुआ था,तब तक पेस और उनके पिता किराए पर रह रहे थे, जबकि पिल्लई अपनी बेटी के साथ अपने जैकर्स अपार्टमेंट में रह रही थी। कोर्ट ने पाया कि टेनिस खिलाड़ी के रूप में पेस का करियर लगभग खत्म हो चुका है। इसके अलावा, वह अपनी बेटी अयाना का सारा खर्च भी वहन कर रहा है।

इसलिए, ''दोनों पक्षों के अधिकारों को संतुलित करने'' के लिए, पिल्लई को ''भरण-पोषण इस शर्त पर दिए जाने की आवश्यकता है कि वह प्रतिवादी के घर यानी जैकर्स को छोड़ देगी।''

निर्णय पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



Tags:    

Similar News