सरकारी और निजी क्षेत्रों में मासिक धर्म के लिए अवकाश देने वाला पहला राज्य बना कर्नाटक
कर्नाटक सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए भारत का पहला राज्य बनने का गौरव हासिल किया, जिसने सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों की महिला कर्मचारियों के लिए मासिक धर्म अवकाश (Menstrual Leave) नीति लागू की है।
गुरुवार को कर्नाटक राज्य मंत्रिमंडल ने मासिक धर्म अवकाश नीति, 2025 को मंज़ूरी दी, जिसके तहत राज्य की सभी महिला कर्मचारियों को प्रति वर्ष सवेतन अवकाश मिलेंगे यानी हर महीने एक दिन का सवेतन अवकाश।
यह नीति राज्य भर के सरकारी विभागों, गारमेंट इकाइयों, आईटी कंपनियों बहुराष्ट्रीय निगमों (MNCs) और अन्य निजी उद्योगों में कार्यरत सभी महिला कर्मचारियों पर लागू होगी।
आधिकारिक नोट के अनुसार इस पहल का उद्देश्य महिला स्वास्थ्य को कार्यस्थल का मौलिक अधिकार मानना और एक अधिक समावेशी तथा सहायक कार्य वातावरण तैयार करना है।
राज्य सरकार ने कहा,
"मंत्रिमंडल ने सभी क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं को हर महीने एक दिन का सवेतन अवकाश प्रदान करने के लिए मासिक धर्म अवकाश नीति 2025 को लागू करने का निर्णय लिया।"
अधिकारियों ने इस कदम को कार्यस्थल पर कल्याण सुनिश्चित करने और लंबे समय से कलंक तथा चुप्पी से जुड़े मुद्दों को संबोधित करने की राज्य की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया। इस नीति को महिला अधिकारों और कार्यस्थल पर समानता को आगे बढ़ाने की दिशा में एक प्रगतिशील कदम माना जा रहा है, जो यह सुनिश्चित करता है कि महिलाएं पेशेवर परिणामों की चिंता किए बिना अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे सकें।