निर्धारिती को पुनर्मूल्यांकन नोटिस का जवाब देने के लिए न्यूनतम सात दिन का समय दिया जाएगा: मेघालय हाईकोर्ट
मेघालय हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी और जस्टिस डब्ल्यू डिएंगदोह की पीठ ने कहा कि निर्धारिती (Assessee) को पुनर्मूल्यांकन नोटिस का जवाब देने के लिए कम से कम 7 दिन का समय दिया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता/निर्धारिती ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 148 के तहत नोटिस को इस आधार पर चुनौती दी कि इसे आयकर अधिनियम की धारा 148ए के तहत अनिवार्य प्रक्रिया का पालन किए बिना जारी किया गया है।
याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि एओ को निर्धारिती को जवाब देने के लिए सात दिन का समय देना चाहिए था। यह नोटिस ईमेल आईडी से जारी किया गया, जिसका इस्तेमाल कर निर्धारण वर्ष 2017-18 के लिए रिटर्न दाखिल करने के लिए किया गया है।
निर्धारिती ने प्रस्तुत किया कि नोटिस निर्धारण वर्ष 2018-19 से संबंधित है और तब तक निर्धारिती की ईमेल आईडी बदल दी गई थी। नोटिस 30 मार्च, 2022 को निर्धारिती के पते पर फिजिकल रूप से दिया गया था। उत्तर जारी होने से पहले ही पुनर्मूल्यांकन नोटिस को रिकॉर्ड करके जारी किया गया कि निर्धारिती ने पिछले नोटिस का जवाब नहीं दिया।
अदालत ने आदेश दिया कि निर्धारिती को पुनर्मूल्यांकन नोटिस का जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया जाए। प्रक्रिया का पालन नहीं होने के कारण धारा 148 के तहत नोटिस एवं आदेश निरस्त किया जाता है।
अदालत ने कहा,
"निर्धारिती के पास 24 मार्च, 2022 के प्रारंभिक नोटिस का जवाब देने के लिए आज से सात दिन का समय होगा। इस तरह की प्रतिक्रिया पर कोई भी आदेश पारित करने या कोई और कदम उठाने से पहले अधिनियम की धारा 148 के तहत या अन्यथा उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा विचार किया जाएगा।"
केस टाइटल: हाईग्रोथ कमोडिटीज ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड बनाम प्रधान आयकर आयुक्त और अन्य
साइटेशन: डब्ल्यूपी (सी) संख्या 161/2022 एमसी (डब्ल्यूपीसी) संख्या 80/2022 . के साथ
दिनांक: 14.06.2022
याचिकाकर्ता के लिए वकील: सीनियर एडवोकेट अभ्रतोष मजूमदार, कौशिक गोस्वामी
प्रतिवादी के लिए वकील: एएसजी एन मोजिका
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