[पहाड़ी क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाएं] उचित चिकित्सा सुविधा तक पहुँच एक मौलिक अधिकार है; राज्य के लिए उचित सुविधाएं प्रदान करना आवश्यक: उत्तराखंड HC
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार (25 सितंबर) को कहा कि उचित चिकित्सा सुविधा प्रत्येक नागरिक के मौलिक अधिकारों में से एक है। राज्य द्वारा उचित चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जानी हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलीमथ और न्यायमूर्ति आर. सी. खुल्बे की खंडपीठ एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमे राज्य और केंद्र द्वारा प्रस्तावित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं को लागू करने के लिए उत्तरदाताओं को निर्देश देने की मांग की गयी थी।
रेकॉर्ड पर मौजूद सामग्री पर विचार करने के बाद, न्यायालय का विचार था कि जनहित में, उत्तराखंड राज्य में चिकित्सा सुविधाओं पर विचार किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने नोट किया,
"विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में उचित चिकित्सा सुविधाओं की कमी के संबंध में जनता से लगातार मांग आ रही है। चूंकि राज्य (उत्तराखंड) का एक बड़ा हिस्सा पहाड़ी इलाकों में स्थित है, इसलिए वहां रहने वाले लोगों को आवश्यक रूप से कम से कम न्यूनतम चिकित्सा सुविधाओं के साथ जोड़ा जाना चाहिए।"
अदालत ने आगे टिप्पणी की,
"उचित चिकित्सा सुविधाओं की स्थापना में भी विभिन्न समस्याएं हैं। राज्य को संतुलन करना होगा, एक तरफ जनता को प्रदान की जाने वाली चिकित्सा सुविधाएं और दूसरी ओर पर्यावरण का एक संतुलन बनाये रखना होगा।"
इन परिस्थितियों मे, न्यायालय ने राज्य को निम्नलिखित के संबंध में विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा: -
* चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता,
* चिकित्सा सुविधाओं की प्रकृति,
* अस्पतालों का मानक,
* चिकित्सा सहायता की गुणवत्ता, और
* ऐसे सभी मुद्दे जो बड़े पैमाने पर जनता पर उचित चिकित्सा ध्यान देने के लिए आवश्यक हैं।
न्यायालय का विचार था कि वर्तमान याचिका के दायरे में उत्तराखंड राज्य में चिकित्सा सुविधाओं के पूरे मुद्दे को शामिल किया जाना चाहिए।
इसलिए, याचिकाकर्ता के वकील को प्रश्नावली की एक सूची दायर करने का निर्देश दिया गया था, जिसे अदालत, राज्य को जवाब देने के लिए और उपलब्ध सुविधाओं के विवरण, इत्यादि के लिए दे सकती है।
मंगलवार (06 अक्टूबर) को आगे की सुनवाई के लिए मैटर सूचीबद्ध किया गया है।
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