युवक पर रामचरितमानस की प्रतियां जलाने का आरोप- 'सीआरपीसी की धारा 41A के शासनादेश, अर्नेश कुमार दिशानिर्देश का पालन करें ': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस से कहा

Update: 2023-02-07 11:53 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के आरोपी- व्यक्ति की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस अधिकारियों को सीआरपीसी की धारा 41ए के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है और अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों का भी पालन करने का निर्देश दिया है।

जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने अभियुक्त महेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने से इनकार कर दिया। आरोपी पर आईपीसी की धारा 120-बी, 142, 143, 153-ए, 295, 295-ए, 298, 504, 505(2), 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बता दें, अर्नेश कुमार के फैसले के अनुसार, गिरफ्तारी अपवाद होना चाहिए जहां अपराध 7 साल से कम कारावास के साथ दंडनीय है, और सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत गिरफ्तारी के बजाय ऐसे मामलों में आरोपी को उपस्थिति के लिए नोटिस दिया जाना चाहिए। ऐसे मामलों में असाधारण परिस्थितियों में गिरफ्तारी की जा सकती है, लेकिन कारणों को लिखित रूप में दर्ज किया जाना चाहिए।

आरोपी ने अपने खिलाफ प्राथमिकी को चुनौती देते हुए रिट याचिका दायर की थी, लेकिन जब मामला अदालत के सामने आया, तो याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने सीआरपीसी की धारा 41ए के आदेश का पालन करने के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देश जारी करने के अपने अनुरोध को सीमित कर दिया।

उसी के मद्देनजर, कोर्ट ने निम्नलिखित आदेश जारी करके मामले का निपटारा किया,

"हम इस याचिका का निस्तारण करते हुए पुलिस अधिकारियों को सीआरपीसी की धारा 41A के शासनादेश का पालन करने के निर्देश के साथ करते हैं और अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य (2014) 8 एससीसी 273 में मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों का भी पालन करने का निर्देश दिया गया है।“

गौरतलब है कि 10 व्यक्तियों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, आरोपियों के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर रामचरितमानस की प्रतियां फाड़ीं और उन्हें सार्वजनिक स्थान पर पैरों तले रौंद कर जला दिया और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में नारेबाजी की और रामचरितमानस को मानने वालों के खिलाफ भद्दी टिप्पणियां कीं।

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बयान में कथित रूप से दावा किया कि रामचरितमानस से संबंधित विवाद जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग का अपमान करता है और आगे मांग करता है कि इन पर प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने यह भी दावा किया कि इसने सामाजिक भेदभाव को भी बढ़ावा दिया।

याचिकाकर्ता के वकील: सीनियर एडवोकेट ज्योतिंद्र मिश्रा के साथ एडवोकेट प्रदीप कुमार शुक्ला, अंजनी कुमार द्विवेदी, मयंक द्विवेदी

प्रतिवादी के वकील: जी.ए.

केस टाइटल - महेंद्र प्रताप सिंह बनाम यूपी राज्य और अन्य

केस साइटेशन: 2023 लाइव लॉ (एबी) 50

आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें:





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