फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई का पासपोर्ट जब्त करने के मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द कर दिया गया है: वकील ने मद्रास हाईकोर्ट में कहा

Update: 2021-10-22 09:10 GMT

फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई के वकील ने शुक्रवार को मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया कि एक मजिस्ट्रेट का आदेश जिसने पासपोर्ट प्राधिकरण को लीना मणिमेकलाई के पासपोर्ट को जब्त कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, को सत्र न्यायालय ने 20 अक्टूबर को खारिज कर दिया है।

मद्रास हाईकोर्ट मणिमेकलाई द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, चेन्नई द्वारा उसके पासपोर्ट को जब्त करने के आदेश को चुनौती दी गई थी।

मणिमेकालाई के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला लंबित होने का हवाला देते हुए जब्त करने का आदेश पारित किया गया था। मणिमेकलाई ने 2018 में #MeToo आंदोलन के दरमियान फिल्म निर्देशक सुसी गणेशन के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जिसके बाद, गणेशन ने 2019 में चेन्नई में एक मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था।

इस साल 9 सितंबर को पासपोर्ट अधिकारी ने एक लंबित आपराधिक मामले के आधार पर पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 10 (3) (ई) के तहत मणिमेकलाई का पासपोर्ट जब्त कर लिया था।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता अबुदु कुमार राजारत्नम ने शुक्रवार को न्यायमूर्ति आर. महादेवन को सूचित किया कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन किए बिना याचिकाकर्ता का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है।

उन्होंने अदालत को बताया कि क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी द्वारा आदेश याचिकाकर्ता द्वारा उसे जारी कारण बताओ नोटिस के जवाब पर कोई विचार किए बिना जारी किया गया।

उन्होंने आगे कहा कि आदेश पारित होने से पहले याचिकाकर्ता को कोई व्यक्तिगत सुनवाई का मौका नहीं दिया गया।

इसके अलावा न्यायमूर्ति आर. महादेवन ने शुक्रवार को अधिवक्ता राजारत्नम से पूछताछ की,

"मजिस्ट्रेट के आदेश का क्या हुआ?"

इस पर वकील ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता का पासपोर्ट जब्त करने के मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि 2020 में मणिमेकलाई ने एक हलफनामा दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि वह अपनी विदेश यात्रा योजनाओं के बारे में अदालत को सूचित करेंगी, जिसके बाद सैदापेट मजिस्ट्रेट ने उक्त याचिका को बंद कर दिया था।

बाद में गणेशन ने मद्रास हाईकोर्ट के समक्ष क्लोज़र ऑर्डर को चुनौती दी, हालांकि उन्हें वहां भी सफलता नहीं मिली।

उन्होंने बाद में एक नई याचिका दायर की और मजिस्ट्रेट ने पुराने आदेश को दोबार खोला और पासपोर्ट प्राधिकरण को अधिनियम की धारा 10 (3) (ई) के तहत आगे बढ़ने का निर्देश दिया।

क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, चेन्नई की ओर से पेश अधिवक्ता शिशु दिनेश ने न्यायालय को सूचित किया कि पासपोर्ट जब्त करने के मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द कर दिया गया है, लेकिन इसकी प्रमाणित प्रति अभी प्राप्त नहीं हुई है।

तदनुसार, मामले को 27 अक्टूबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।

केस का शीर्षक: लीना मणिमेकलई बनाम क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी

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