मद्रास हाईकोर्ट ने स्वयंभू गॉडमैन शिव शंकर बाबा के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामला रद्द करने का आदेश वापस लिया

Update: 2022-11-22 06:56 GMT

मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को स्वयंभू संत शिव शंकर बाबा के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले को रद्द करने के अपने पहले के आदेश को वापस ले लिया।

जस्टिस आरएन मंजुला ने 17 अक्टूबर को यह देखते हुए कि सीआरपीसी की धारा 473 के तहत शिकायत के साथ देरी को क्षमा करने के लिए कोई आवेदन दायर नहीं किया गया, बाबा द्वारा दायर याचिका रद्द करने की अनुमति दी थी।

शिव शंकर बाबा के खिलाफ मामला यह है कि उसने शिकायतकर्ता का यौन उत्पीड़न किया, जब वह अपने बेटे को स्कूल से अचानक हटाने के बारे में चर्चा करने के लिए स्कूल गई थी। उसकी शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 और तमिलनाडु महिला उत्पीड़न निषेध अधिनियम, 2002 की धारा 4 के तहत मामला दर्ज किया गया।

आरोप है कि यह अपराध 2010-2011 में किया गया, लेकिन एफआईआर 2021 में दर्ज की गई। हालांकि अदालत ने शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों को गंभीर प्रकृति का पाया, इसने कहा कि देरी को माफ करने के लिए आवेदन के अभाव में अभियोजन कालबाधित है।

सोमवार को पीठ ने उस आदेश को वापस ले लिया जब राज्य ने अदालत को सूचित किया कि जब हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द की थी तब आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका था। अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि अगर उसे पता होता कि चार्जशीट पहले ही दायर की जा चुकी है तो उसने एफआईआर रद्द नहीं किया होता।

पहले के आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए राज्य ने प्रस्तुत किया कि पुलिस रिपोर्ट के माध्यम से शुरू किए गए मामले में देरी को माफ करने के लिए केवल आवेदन के अभाव में आपराधिक कार्यवाही रद्द नहीं की जा सकती, केवल तभी संज्ञान लिया जाता है जब मजिस्ट्रेट ने उसे भेजी गई पुलिस रिपोर्ट पर अपने दिमाग का इस्तेमाल किया हो।

अब इस मामले की सुनवाई 29 नवंबर को होगी।

केस टाइटल: शिव शंकर बाबा बनाम राज्य

केस नंबर : क्रिमिनल ओपी 23806/2021

Tags:    

Similar News