मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को COVID-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने के बाद से लापता व्यक्ति के परिवार को एक लाख का मुआवजा देने का निर्देश दिया

Update: 2022-12-20 15:02 GMT

मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को तमिलनाडु सरकार को 74 वर्षीय एक व्यक्ति के परिवार को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। उसे जून 2020 में COVID-19 के इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन बाद उसका पता नहीं चला।

जस्टिस पीएन प्रकाश और जस्टिस आनंद वेंकटेश की खंडपीठ ने पुलिस को लापता व्यक्ति के ठिकाने का पता लगाने और मामले में अपनी जांच जारी रखने के लिए प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने कहा,

"पूरी स्थितियों के मद्देनजर, हम राज्य सरकार पर बहुत कठोर नहीं होना चाहते हैं और इसके बजाय, मानवीय आधार पर, हम राज्य को 1,00,000/- रुपये की राशि का भुगतान करने का निर्देश देते हैं। इस आदेश की प्रति प्राप्त होने की तारीख से चार सप्ताह की अवधि के भीतर आदिकेशवन के परिवार को मुआवजा दिया जाए।"

अदालत आदिकेशवन के बेटे की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

आदिकेशवन को 10 जून 2020 को COVID पॉजिटिव पाया गया था और अगले दिन चेन्नई निगम की एम्बुलेंस से एक्कट्टुथंगल शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। फिर उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज, किलपौक और उसके बाद राजीव गांधी सरकारी सामान्य अस्पताल में रेफर किया गया।

चूंकि आदिकेशवन के पास मोबाइल फोन नहीं था, इसलिए टेस्टिंग सेंटर से पूछताछ करने के बाद भी परिजन उसके ठिकाने का पता नहीं लगा सके। याचिकाकर्ता सेंट थॉमस माउंट पुलिस स्टेशन गया लेकिन पुलिस ने 'लापता' का मामला दर्ज नहीं किया। बाद में, एक ऑनलाइन शिकायत की गई जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई।

सुनवाई के दरमियान, अदालत के समक्ष एक वीडियो क्लिपिंग पेश की गई, जिसमें आदिकेशवन को राजीव गांधी गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल के गेट से बाहर निकलते हुए दिखाया गया। आदिकेशवन का पता लगाने के लिए राज्य द्वारा किए जा रहे प्रयासों के संबंध में स्थिति रिपोर्ट भी दाखिल की गई।

अदालत ने कहा कि तमिलनाडु सरकार और ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन ने कोविड से लड़ने की पूरी कोशिश की और चूक के लिए किसी एक अधिकारी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

अदालत ने परिवार की इस दलील पर सहमति जताई कि अगर पुलिस ने पहली बार में ही एफआईआर दर्ज कर ली होती, तो पुलिस आदिकेशवन का पता लगा लेती।

केस टाइटल: तुलसीदास आदिकेशवन बनाम पुलिस इंस्पेक्टर और अन्य

साइटेशन: 2022 लाइवलॉ (MAD) 513

केस नंबर : एचसीपी नंबर 1149 ऑफ 2020


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