इंदौर ट्रक हादसा: हाईकोर्ट ने मांगी CCTV फुटेज, स्टेटस रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखा
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार (23 सितंबर) को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि इंदौर के आवासीय इलाके में घुसे ट्रक हादसे की CCTV फुटेज अदालत में प्रस्तुत की जाए। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि राज्य सरकार द्वारा दायर स्टेटस रिपोर्ट को संवेदनशील सामग्री होने के कारण सीलबंद लिफाफे में सुरक्षित रखा जाए।
यह कार्यवाही सुओ मोटू मामले में हुई, जिसे दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर और वीडियो के आधार पर शुरू किया गया। खबर के अनुसार, कलानी नगर स्क्वायर से बड़ा गणपति स्क्वायर तक लगभग दो किलोमीटर लंबे मार्ग पर भीड़भाड़ के समय एक ट्रक तेज़ी से घुस आया और उसने कई पैदल यात्रियों को कुचल दिया। इस दर्दनाक हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई, 35 लोग घायल हुए और 12 लोग गंभीर रूप से ज़ख्मी हुए।
पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने पुलिस आयुक्त को तलब कर स्पष्टीकरण मांगा और राज्य सरकार व पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी कर भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उपायों पर शपथपत्र दाखिल करने को कहा था।
सुनवाई में पुलिस आयुक्त और ट्रैफिक डीसीपी अदालत के सामने पेश हुए
राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने बताया कि 9 निलंबित अधिकारियों के खिलाफ जांच और चार्जशीट लंबित है। इसलिए दायर किए जाने वाले हलफनामे को तीन हिस्सों में विभाजित किया गया। पहला, घटना से जुड़े तथ्य; दूसरा, पुलिस विभाग और राज्य सरकार की कार्रवाई; और तीसरा, भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए प्रस्तावित कदम।
हालांकि, वकील ने अदालत को अवगत कराया कि जांच लंबित होने के कारण यह हलफनामा रजिस्ट्री में दाखिल नहीं किया गया बल्कि सीधे पीठ को सौंपा गया। इस पर अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि उस CCTV फुटेज को भी रिकॉर्ड पर लाया जाए, जिसमें दिखता है कि ट्रक किस प्रवेश बिंदु से आवासीय इलाके में दाखिल हुआ था।
चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सारफ की खंडपीठ ने कहा,
“स्टेटस रिपोर्ट दायर की गई, जिसे रिकॉर्ड पर लिया जाता है। हमें सूचित किया गया कि कुछ पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच जारी है और रिपोर्ट में संवेदनशील सामग्री है। इसलिए रजिस्ट्री को निर्देश दिया जाता है कि रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखा जाए और प्रत्येक सुनवाई की तारीख पर प्रस्तुत किया जाए।”
खंडपीठ ने मामले में सहायता के लिए एमिक्स क्यूरी नियुक्त करने का निर्णय भी लिया और अगली सुनवाई की तारीख 10 अक्टूबर, 2025 तय की।